” ये बिंदु अपने आप ही सरकार एवं मंत्रालय की नीयत पर गंभीर सवाल खड़े करते है। देश हित एवं सिन्दरी (झारखण्ड) हित में मोर्चा सरकार के निर्णय का विरोध करती है। यह विरोध विभिन्न शांतिप्रिय मार्ग द्वारा तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार PDIL को बंद करने का अपना निर्णय वापस नही ले लेती है।”
सिन्दरी (धनबाद)। भारत सरकार का महत्वपूर्ण सरकारी उपक्रम पीडीआईएल की विनिवेश करने की योजना है और इससे पहले सरकार ने इसे बंद करने की कवायद भी शुरू कर दी है। इस सरकारी उपक्रम को बंद करने के पीछे साजिश की बू आ रही है।
उक्त आशय की जानकारी देते हुये PDIL बचाओ मोर्चा के संयोजक रंजीत कुमार ने बताया कि इस बंदी के जरिए निजी व्यवसायकि घरानों को लाभ पहुचाना मुख्य मकसद है। इस शक को निम्न तत्थ पुख्ता करती है…
- एफ सी आई एल एवं पी एन्ड डी आई एल के बीच जमीन विवाद बनाया जा रहा है। प्रारंभ से सारी जमीन एफ सी आई एल के नाम पर रजिस्टर्ड है। सन 1978 में एवं PDIL के नए नाम से अस्तित्व में आने के बाद आज तक जमींन की कोई चर्चा नहीं हुई। इस बीच करोड़ो के कार्य आदेश PDIL को प्राप्त हुआ। आज अचानक एफ सी आई एल एवं पी डी आई एल के बीच जमींन के मालिकाना हक के दस्तावेज जा रहे हैं और अगर जमींन का मामला इतना महत्वपूर्ण था तो पूर्व के अधिकारियों (FCIL एवं PDIL) ने इसका हल क्यों नही निकाला ? कहीं ऐसा तो नही PDIL को बंद करने के लिए इसका साजिशन इस्तेमाल किया जा रहा है!
2. जमींन विवाद की कहानी हास्यस्पद प्रतीत होता है, यह कैसे माना जाये कि जिस PDIL ने वर्षो देश को कृषि खाद कारखाने को चलाने में अपना योगदान दिया उसके पास न तो जमींन है न ही अन्य अधिकार।
- PDIL सिन्दरी को तीन करोड़ो का कार्येआदेश मिला हुआ है,इसके अलावा लगभग 7 करोड़ो के एक कार्ये का मिलना तय है, ऐसी स्थिति में सरकार इसे बंद कर आखिर किसके हितों का ख्याल रखने जा रही है?
- कैटलिस्ट निर्माण कर्ता के रूप में PDIL एकमात्र सरकारी संस्था है,यूरिया प्लांट में इसकी जरूरत के मद्देनजर एवं यूरिया के दामो को नियंत्रण में रखने के लिए इसका चलते रहना देश हित में है ।
5.भारत में PDIL के अलावे सुदे केमिकल्स,कैटलिस्ट का निर्माण करती है , यह एक निजी कंपनी है। क्या PDIL सिन्दरी के बन्दी के बाद बाजार में इसका एकाधिकार नहीं हो जायेगा और फिर सरकार के हाथ से मूल्य नियंत्रण नहीं निकल जायेगा?
- भारत सरकार के File no :- 1921/05/2016 -FCA,(रसायन एवं खाद मंत्रायल) द्वारा विनिवेश हेतु जारी पत्र 14 july E. O. I के लिए तकनीकी आधार अर्हता को हटाने की बात कहीं गयी है, एक डिजाइन एवं इंजीनियरिंग कि कंपनी के विनिवेश शर्त में से इसे हटाने का क्या मकसद है ?
- 07 मार्च 2017 को E I L के CMD द्वारा सचिव (DIPAM) को एक पत्र लिख कर PDIL के विनिवेश प्रस्ताव में रूचि दिखाई गई थी,परंतु रसायन एवं खाद मंत्रालय ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने बताया कि मोर्चा के द्वारा आंदोलन की तैयार रूप रेखा के अनुसार दिनांक 28/07/2017 को सुबह 9 से 11 बजे तक PDIL के गेट सामने धरना प्रदर्शन। दिनांक 29/07/2017 को संध्या 5:30 बजे उर्वरक मंत्रायल का पुतला दहन। दिनांक 30/072017 को सुबह 11 बजे से 1 बजे तक रोहराबंध से शाहरपुरा बाजार तक पद यात्रा किया जायेगा
इस मौके पर मोर्चा केदिलीप मिश्रा, छोटन चटर्जी, सौरभ सिंह, अमित सिंह, बिनोद राम, प्रदीप महतो, धीरज सिंह, सतीशचंद्र मिश्रा, राजकुमार , अजय पाठक, रोशन राम एवं अन्य लोग शामिल थे