पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को कानून की धारा-144 CRPC का सुंदर पाठ पढ़ाया है।
उन्होंने प्रदेश के सभी सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को एक पत्र भेजकर पूछा है कि पिछले दिनों सर्दी यानि शीतलहर के चलते विभिन्न प्रमंडलों के विभिन्न जिलों में भांति-भांति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए। इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा 144 के तहत किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बन्द किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है, क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा-144 CRPC को invoke करते हैं।
जब हम कानून की कोई धारा (धारा-144 CRPC इत्यादि) को invoke करते हैं, तो हमें यह ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश Judicial Scrutiny पर खरा उतरे। यह भी उल्लेखनीय है कि “Judicial order must stand the muster of equity.” यानी कि न्यायिक आदेश समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए।
किन्तु जिला दण्डाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बन्द किया गया है। किन्तु अन्य संस्थानों / मामलों का जिक्र नहीं किया गया है- उदाहरणार्थ, जिले के कोचिंग संस्थाओं / सिनेमा हॉल / मॉल / दुकानें / व्यावसायिक संस्थानों इत्यादि की गतिविधियों अथवा समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया है।
ऐसी स्थिति में संबंधित जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी / शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है। उल्लेखनीय है कि इन कोचिंग संस्थाओं / Tuition Classes में हमारे ही विद्यालयों के बच्चे (कक्षा-4 से लेकर कक्षा-12 तक) पढ़ने जाते हैं।
अतः जिला प्रशासन को सुझाव दिया जाए कि जब वे सर्दी / शीतलहर के चलते कोई आदेश निकालते हैं, तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस प्रकार का आदेश निकालते समय कृपया एकरूपता एवं समरुपता को ध्यान में रखा जाए।
उपरोक्त के आलोक में अनुरोध है कि पिछले दिनों आपके क्षेत्रान्तर्गत इस प्रकार का आदेश जहां भी निकला है, उसे वापस लिया जाए। जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, इस विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5 PM तय कर रखी है।
इस समयावधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परम्परा पर रोक लगनी चाहिए।
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