रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर पांचवें दिन भी आयकर विभाग का छापा जारी है। बीते दिनों में झारखंड के रांची, लोहरदगा समेत उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल में आयकर विभाग ने भारी मात्रा में नकद बरामदगी की है।
वहीं रांची स्थित रेडियम रोड के सुशीला निकेतन बंगले में पांचवें दिन भी आयकर विभाग की टीम सक्रिय नजर आई। एकदम सुबह आयकर विभाग की टीम के अधिकारी बंगले में प्रवेश करते नजर आए। लगातार 5 दिन चल रही छापेमारी से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि रांची से भी नगद और कई अन्य कागजात समेत आभूषण बरामद किए जा सकते हैं। उनके ठिकानों से अबतक 300 करोड़ से उपर नगद राशि बरामद किए जाने की सूचना है।
आय कर विभाग के अधिकारियों ने ओडिशा और झारखंड में कई जगहों पर छापेमारी कर कांग्रेस के एक नेता के यहां से 300 करोड़ रुपये से अधिक नकद बरामद किया है। ये नगद ओडिशा और झारखंड में उनके घर से बरामद हुआ है।
अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि विभाग ने लगातार तीन दिन छापेमारी की। इस दौरान 200 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं जिनका “कोई हिसाब नहीं है।”
विभाग ने बुधवार को ओडिशा के बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी शुरू की थी। इनमें बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भी शामिल है।
नोटों की गिनती के लिए क़रीब तीन दर्जन काउंटिंग मशीनों को काम पर लगाया गया है। मशीनों की संख्या कम होने से नोटों की गिनती का काम धीमी गति से हो रहा है।
आयकर विभाग के अधिकारियों ने ओडिशा के बोलांगीर ज़िले के सुदापाड़ा इलाक़े में एक ठिकाने से 156 बैग बरामद किए गए। अब तक केवल 6-7 बैग ही गिने गए थे कि इतने पैसे बरामद हो गए।
क़रीब 200 करोड़ की नकदी केवल बोलांगीर से ही बरामद हुई है। बाकी पैसा ओडिशा के संबलपुर और सुंदरगढ़, झारखंड के बोकारो और रांची और कोलकाता से मिला है।
इस केस में आईटी विभाग ने ओडिशा के संबलपुर, बोलांगीर, टिटिलागढ़, बौध, सुंदरगढ़, राउरकेला और भुवनेश्वर औक झारखंड के रांची और बोकारो में छापेमारी की है।
जानें कौन है धीरज साहूः राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है। वो तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं।
वो 2009 में राज्य सभा सांसद बने थे। जुलाई 2010 में वो एक बार फिर झारखंड से राज्य सभा के लिए चुने गए। तीसरी बार वो मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए।
धीरज प्रसाद की अपनी वेबसाइट के अनुसार वो एक व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता राय साहब बलदेव साहू अविभाजित बिहार के छोटानागपुर से थे और उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लिया था। देश के आज़ाद होने के वक्त से ही उनका परिवार कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है।
उन्होंने खुद 1977 में राजनीति में कदम रखा। वो लोहरदगा जिला यूथ कांग्रेस में शामिल रहे। उनके भाई शिव प्रसाद साहू रांची से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे। उन्होंने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की है और झारखंड के लोहरदगा में रहते हैं।
2018 में राज्य सभा के लिए चुने जाने की प्रक्रिया में धीरज साहू ने जो हलफ़नामा दायर किया था। इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ बताई थी। उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था। हलफ़नामे के अनुसार उनके ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला नहीं था। उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है।
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