‘बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद, कोई साज़िश छुपा रहा है चाँद….’
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क ब्यूरो)। लोकप्रिय गीतकार, शायर गुलज़ार जब चाँद पर यह गजल लिख रहे होंगे, तब उन्हें भी इस बात का आभास होगा कि किसी दिन चाँद की तस्वीर धरती पर आ गयी तो क्या होगा?
शायद कवियों, शायरों और प्रेमियों ने जो चांद को देखकर उपमाएं गढ़ी होगी उन्हें भी सपने में आभास नहीं होगा कि चांद को देखकर जो ख्याल उनके मन में था, उसकी तस्वीर बिल्कुल उलट है। चांद पर न जाने कितने गीत बने, फिल्में बनी, बच्चों के लिए चांद पर कविताएं लिखी गई। सुहागिनों ने चांद को देखकर अपने व्रत तोड़ा करती हैं। अब चांद ने कांड कर ही दिया है।
हिंदी साहित्य में चांद ‘मामा’ बन जाता है तो वहीं, उर्दू साहित्य में चांद को महबूब की उपमा दे दी जाती है। ‘चंद्र खिलौना लैहों’ जैसे बिंब अब भी हमारे जेहन में उसी तरह से बैठे हुए हैं जैस बचपन में थे। रुबाई हो या गीत या फिर शायरी हमारे ‘चंदामामा’ कभी आंगन में चांद के टुकड़े के तौर पर उतर आते हैं तो कभी हमारे महबूब की सूरत में झलक जाते हैं।
कहीं छुरी भी बन जाते हैं, कहीं मिश्री की तरह पानी में घुल जाते हैं। गुलजार का चांद अलग है तो सूरदास का चांद अलग … मुक्तिबोध के चांद का मुंह टेढ़ा है तो परवीन शाकिर का चांद तन्हा है। तुलसीदास का चांद रूपक बनकर खिलौने में तब्दील हो जाता है और बच्चा चंद्रमा की चाहत खिलौने के तौर पर करने लगता है।
मिशन मून चंद्रयान -3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद लैंडर ने बुधवार को चांद की तस्वीरें भेजी है।जब चंद्रयान -3 चांद की सतह पर धीरे-धीरे उतर रहा था। चांद की जो तस्वीरें आ रही है वह तस्वीर फिल्मों में,गानो में, प्रेमियों के चांद की कल्पना से इतर है। सवाल है कि इसके बाद भी चाँद अब भी उपमाओं में प्रयोग होगा। इस विषय में कहा नहीं जा सकता है।
बेशक आजकल चंद्रयान मिशन की वजह से चांद खूब चर्चा में है, लेकिन हिंदी फिल्मों की कहानियों व गीतों में तो चांद हमेशा छाया रहा है। यूं तो केवल चांद को लेकर कहानियों के प्लॉट कम ही रचे गये लेकिन कथानकों में चांद को बतौर प्रेम के प्रतीक खूब प्रयोग किया गया। कभी चांदनी रात में प्रेम परवान चढ़ा, कभी प्रेमी-प्रेयसी के लिए चांद की उपमा दी गयी तो कभी उलाहना भी। वहीं फिल्मों के नाम और गीतों में चांद का इस्तेमाल बहुतायत में हुआ।
गीतकार गुलजार चाँद पर अपनी कॉपी राइट जमाये बैठे थे। जिस पर निदा फाजली ने बहुत पहले ही कहा था- “चाँद के पास जो सितारा है, वो सितारा हसीन लगता है, जब से तुम हो मेरी निगाहों में, हर नजारा हसीन लगता है।”
कैफ भोपाली ने चांद पर लिखा था- ‘तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है, तेरे आगे चाँद पुराना लगता है’। चाँद को दूर से देखकर उपमा देने वालों और मुहावरा गढ़ने वालों का यथार्थ से सामना हो गया है।
कभी राही मासूम रजा की वह मकबूल गजल जिसे जगजीत सिंह ने अपनी आवाज दी थी, काफी लोकप्रिय गजल रही है,जो कभी प्रेमियों की जबान पर हुआ करती थी… ‘हम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद, अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चाँद’।
शायद चंद्रयान -3 के द्वारा चांद की भेजी तस्वीर ने निदा फ़ाज़ली की शंका को सत्य साबित कर दिया है।वे तो पहले ही लोगों कोचेता के यहाँ से रुख़सत हुए थे- ‘यक़ीन चाँद पे सूरज में ए’तिबार भी रख, मगर निगाह में थोड़ा सा इंतिज़ार भी रख’।
चांद की तस्वीरें देखकर भले ही कवियों,शायरो और प्रेमियों का दिल टूट जाए अब प्रेमिकाओं को चांद से अपनी तुलना पसंद नहीं आए, गीतकार,शायर अब चांद पर गीत और शायरी लिखने पर सौ बार सोचें लेकिन भोजपुरी गाने चंद्रयान-3 की सफलता पर छाए हुए हैं। जितनी तेजी से चंद्रयान -3 ने चांद पर सफल लैंडिंग नहीं की होगी उससे ज्यादा तेजी से चंद्रयान -3 की सफलता पर भोजपुरी गाने का एलबम तेजी से बाजार में, यूट्यूब पर छा रहा है।
चंद्रयान-3 की सफलता पर भोजपुरी गानों की वैसी बाढ़ अभी तक नहीं आयी है। जैसी बाढ़ इस बार दिल्ली में आ चुकी है।
बुलेट राजा का गाना आया- ‘चंद्रयान के पैर चंद्रमा परी गईल।’ 36 घंटे पहले रिलीज इस गीत को यूट्यूब पर अबतक 20k व्यूज हासिल हुआ है। गायक मोनू राज कश्यप ने चंद्रयान -3 के लैंडिंग के कुछ घंटे बाद उन्होंने अपना गाना यूट्यूब के समंदर में उतारा है। उनको अभी तक 750 लोगों ने देखा है। थम्ब नेल पर उसी की तस्वीर है।
गायिका अनुपमा यादव ने भोजपुरी में कहा है- ‘चाँद के पार चलो।’ गायक रोशन खरवार का गाना आया है-‘चाँद पर तिरंगा लहर गईल बा।’ इस गीत को यूट्यूब पर 19 घण्टे पहले लोड किया गया था। अबतक 2700 लोगों ने देखने का काम किया है।
गाँधी लाल यादव का गाना आया है-‘ चंद्रयान 3 पहुचले चाँद पर।’ इस गीत को 48 घंटे पहले यूट्यूब पर लोड किया गया है। अबतक 2k लोगों ने देखा और समझा है। दिनेश मोहक यादव का भी गाना आ गया है। जिसे पांच घंटे पहले यूट्यूब पर लोड किया गया है। जिसे अब तक 650 लोगों ने सुना है। ‘चाँद हिंदुस्तान का’ शीर्षक से संजीव राजन ने गीत गाकर 32 घंटा पहले यूट्यूब पर लोड किया है, जिसे अबतक 1300 लोगों ने सुना है।
फिलहाल चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भोजपुरी गाने हिंदी गाने से काफी आगे निकल चुकी है। जल्द ही कुछ और भोजपुरी गाने आने बाकी है,शायद कुछ फिल्में भी बन सकती है। जिसका इंतजार भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों को जरूर रहेगा।
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