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    Friday, November 22, 2024
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      बैंक-कर्ज के दबाव से तंग किसान ने की आत्महत्या, रांची के ओरमांझी क्षेत्र की घटना

      29 जून को बैंक अधिकारी उसके ट्रैक्टर को खींचने के लिए घर पहुंच गए। पर, इन लोगों को इसकी जानकारी हो गई थी, इसलिए ट्रैक्टर को वहां से हटा दिया गया। इसलिए, बैंक अधिकारी ट्रैक्टर को नहीं खींच सके। कर्ज वापसी के लगातार पड़ रहे दबाव के कारण उसने 29 जून को दोपहर में ही जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उसे तत्काल परिजन मेदांता ले गए। जहां उसका इलाज चल रहा था

      रांची। झारखंड की राजधानी रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के बीजांग हेंदेबिली के एक और किसान राजदीप नायक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। राजदीप ने कर्ज वापसी के लिए बैंक द्वारा डाले जा रहे दबाव से परेशान होकर तीन दिन पूर्व 29 जून को ही जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था।

      उसे तत्काल मेदांता में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। रविवार की सुबह लगभग पांच बजे राजदीप ने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली।

      जानकारी के अनुसार, वर्ष 2015 में राजदीप ने आइडीबीआइ बैंक की बरियातू शाखा से खेती कार्य के लिए 90 हजार रुपये का लोन लिया था। इसके बाद राजदीप ने भाई प्रदीप नायक के नाम पर एचडीएपसी बरियातू शाखा से ट्रैक्टर के नाम पर लोन लिया गया।

      इस संबंध में राजदीप की पत्नी व भाई प्रदीप ने बताया कि दोनों कर्ज को वापस लौटाने की जिम्मेदारी राजदीप के ऊपर ही थी। बैंक अधिकारियों द्वारा कर्ज वापसी का लगातार दबाव बनाया जा रहा था।

      29 जून को बैंक अधिकारी उसके ट्रैक्टर को खींचने के लिए घर पहुंच गए। पर, इन लोगों को इसकी जानकारी हो गई थी, इसलिए ट्रैक्टर को वहां से हटा दिया गया। इसलिए, बैंक अधिकारी ट्रैक्टर को नहीं खींच सके। कर्ज वापसी के लगातार पड़ रहे दबाव के कारण उसने 29 जून को दोपहर में ही जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उसे तत्काल परिजन मेदांता ले गए। जहां उसका इलाज चल रहा था।

      मोटरसाइकिल के लिए भी लिया था लोन

      राजदीप ने एचडीएफसी अशोक नगर शाखा से मोटरसाइकिल का भी लोन लिया था। इसके ऋण के वापसी का भी लगातार दबाव बनाया जा रहा था।

      चार एकड़ है जमीन, सब्जी व धान की करता है खेती

      राजदीप के पास चार एकड़ जमीन थी। जिसमें वह सब्जी व धान की खेती करता था। बीच में बीमार पड़ जाने के कारण वह खेती नहीं कर सका। इस कारण बैंक की किश्त नहीं लौटा पाया। और, कर्ज बढ़ता गया। ट्रैक्टर की 13 किश्त नहीं जमा हो पाई।

      इलाज के लिए पैसा नहीं होने कारण दो दिन पूर्व जमीन रखा बंधक, बेची गाय

      प्रदीप ने बताया कि पैसा नहीं रहने के कारण हम लोगों ने राजदीप के इलाज के लिए घर के सामने के खेत को बंधक गांव के ही फुलेश्वर महतो के पास रख दिया। इससे भी जब पूरा नहीं हुआ, तो अपनी गाय बेच दी। इससे राजदीप ज्यादा दुखी गए थे। बैंक द्वारा ट्रैक्टर खिंचने आने के बाद वह ज्यादा परेशान हो गए।

      गौरतलब है कि पिछले दो महीने में अब तक तीन किसानों ने कर्ज के कारण रांची में खुदकुशी की है।

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