पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क)। जनता दल यूनाइटेड की ओर से यूपी के जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है।
धनंजय सिंह की छवि को लेकर जनता दल और सीएम नीतीश कुमार घिरते दिख रहें हैं। विरोधियों ने उन्हें अपने निशाने पर लेते हुए सीएम नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठा रहें हैं।
बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने भी धनंजय सिंह को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाएं जाने पर एतराज़ जताते हुए बिहार डीजीपी से इसकी शिकायत की है।
उन्होंने बिहार डीजीपी को लिखें पत्र में कहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने यूपी के माफिया डॉन को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। सत्ताधारी दल से राष्ट्रीय महासचिव बनाएं जाने पर बिहार और यूपी के अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और आने वाले समय में बिहार में अपरहण उधोग का कारोबार बढ़ेगा। बिहार एक बार फिर से उसी दौर में पहुंच जाएंगा जिसे समाप्त करने में बिहार पुलिस बल का उल्लेखनीय योगदान रहा है।
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने बिहार डीजीपी से धनंजय सिंह के क्रियाकलापों पर नजर रखने की मांग की है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी के तीन नये राष्ट्रीय महासचिवों की नियुक्ति का पत्र जारी किया है। जिनमें नालंदा से पूर्व विधायक ई सुनील कुमार भी शामिल हैं। जबकि यूपी से धनंजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाया जाना जदयू के लिए गले की फांस बन रहा है।
धनंजय सिंह को पूर्वी उत्तर प्रदेश का बड़ा माफिया माना जाता है। हत्या, लूट, रंगदारी जैसे दर्जनों बेहद गंभीर मामलों के आरोपी धनंजय सिंह पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
धनंजय सिंह पहले भी जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर जौनपुर के मल्हनी से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 लड़ चुके हैं। हालांकि, इस चुनाव में पार्टी को जीत नहीं मिल पाई थी।
दो बार विधायक और एक बार जौनपुर से सांसद धनंजय सिंह को यूपी के बाहुबली के रूप में पहचाना जाता है। माफिया अजीत सिंह की हत्या के मामले में उनका नाम आ चुका है। साथ ही मुन्ना बजरंगी की हत्या मामले में भी धनंजय सिंह का नाम उछाला गया था।
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