” भाजपा नेता और पूर्व विधायक अंनंत राम टुडू भी इस बैठक में शामिल हुए और मुखिया को तानाशाह बताया और कहा कि मुखिया के माध्यम से पुलिस वीरेंद्र और उसके पिता खो फंसाने का काम कर रही है….”
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जिले का राजनगर प्रखंड इन दिनों फिर से चर्चा में है। जहां गोविंदपुर पंचायत की मुखिया सावित्री मुर्मू को पुलिस का सहयोगी और ग्रामीणों दुश्मन बताते हुए बनकाटी गांव के ग्रामीणों ने गांव में प्रवेश नहीं करने संबंधी पोस्टर पूरे गांव में चिपकाया है।
इन ग्रामीणों ने मुखिया के विरोध में बैठक कर फरमान भी जारी किया है और कहा है, कि मुखिया ने एससी/ एसटी एक्ट का गलत प्रयोग कर गांव के युवक वीरेंद्र मंडल और उसके पिता रामपद मंडल को फंसाते हुए जेल भेजने का काम किया है।
मुखिया के विरोध में बनकाटी गांव के ग्रामीणों के अलावा पंचायत के कई वार्ड सदस्य, पंचायत प्रतिनिधि, ग्राम प्रधान भी इस बैठक में मौजूद रहे।
वैसे भाजपा नेता और पूर्व विधायक अंनंत राम टुडू भी इस बैठक में शामिल हुए और मुखिया को तानाशाह बताया और कहा कि मुखिया के माध्यम से पुलिस वीरेंद्र और उसके पिता खो फंसाने का काम कर रही है।
उन्होंने कोल्हान डीआईजी को मामले में पुनः संज्ञान लेने की मांग की है। वैसे पूर्व विधायक ने मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की है।
गांव के कई बुद्धिजीवियों ने मुखिया द्वारा वीरेंद्र मंडल और उसके पिता को एससी एसटी एक्ट के तहत झूठे मामले में फंसाए जाने का विरोध किया है। और गांव के विकास में मुखिया फंड लेने से इंकार कर दिया है।
क्या है पूरा मामलाः पिछले दिनों सरायकेला- खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत गोविंदपुर पंचायत के बनकाटी गांव में सखी मंडल द्वारा सफाई अभियान चलाया जा रहा था, जिसका ग्रामीण ये कहते हुए विरोध करने लगे कि मुखिया द्वारा गांव में गलत तरीके से सड़क निर्माण कराया गया है, जिससे गांव में जलजमाव की स्थिति हो जाती है।
इसी बात को लेकर ग्रामीण मुखिया का विरोध कर रहे थे, मामले की सूचना पर मुखिया पहुंची, मुखिया के पहुंचते ही मुखिया प्रतिनिधि और उनके समर्थक ग्रामीणों के साथ उलझ पड़े।
वहीं वीरेंद्र मंडल के पिता पर मुखिया प्रतिनिधि और उसके पति ने हमला बोल दिया। वहीं किसी तरह से वीरेंद्र अपने पिता को वहां से हटा ले गया और पूरे मामले की शिकायत राजनगर थाने में की। वहीं राजनगर थाना में मुखिया सावित्री मुर्मू ने भी एससी/ एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया।
इधर वगैर अनुसंधान के सरायकेला पुलिस द्वारा एससी/ सटी एक्ट के तहत दोनों पिता पुत्र को जेल भेज दिया गया। वहीं पिता-पुत्र को झूठे आरोप में जेल भेजे जाने का विरोध ग्रामीण कर रहे हैं,
लेकिन ग्रामीणों की फरियाद न तो जिले के एसपी कर रहे, न हीं कोल्हान के डीआईजी। यहां तक कि मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से मामले में सही जांच के बाद ही आरोप तय करने का फरमान भी जारी किया गया है।
बावजूद इसके जिले के एसपी द्वारा जबरन दोनों पिता- पुत्र को एससी/ एसटी एक्ट के तहत दोषी मानते हुए जेल भेज दिया गया है। हालांकि ग्रामीण लगातार मामले को झूठा और बेबुनियाद बता रहे हैं।
ऐसे ही अगर एससी/ एसटी एक्ट का दुरूपयोग होता रहा तो कई निर्दोष इस काले कानून के तहत फंसते चले जाएंगे और लोगों का कानून से भरोसा उठ जाएगा।