“नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के तुंगी गांव में चल रही फिल्म ‘कोट’ की शुटिंग के दौरान मीडिया में राष्ट्रीय राजपूत महासभा की आपत्ति पर फिल्म निर्माता कुमार अभिषेक ने कहा है कि उनकी फिल्म में किसी जाति विशेष को लेकर कोई दुर्भावना नीहित नहीं है……”
श्री अभिषेक का कहना है कि फिल्म की अभिनेत्री के बयान के हवाले से मीडिया में जो बातें सामने आई है, वह सही नहीं है। दरअसल उस अभनेत्री का फिल्म में रोल काफी छोटा है और उन्हें अपनी रोल के बारे सही जानकारी नहीं थी, जिसकी वजह से ऐसी गलतफहमी पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा कि इस गलतफहमी के लिए वे खेद प्रकट करते हैं और यदि किसी जाति समुदाय को दुःख पहुंचा है तो उसके लिए माफी मांगते हैं। उनकी फिल्म किसी भी राजपूत समुदाय से नहीं जुड़ी है और उस समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है।
फिल्म निर्माता ने आगे कहा कि वे एक इंस्प्रीरेशनल ड्रामा फिल्म है और युवाओं को अपने परिस्थितियों का डटकर सामना कर आगे बढ़के अपने सपने पूरे करने का आश्वासन देती है।
उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म में दिखाया गया है कि आप चाहे किसी भी बैकग्राउंड के क्यू न हों, कठिन परिश्रम करके आप अपने सपनों को उड़ान जरुर दे सकते हैं।
उधर एक अन्य खबर के अनुसार राष्ट्रीय राजपूत महासभा के अधिकारी उदय नारायण सिंह ने फिल्म डायरेक्टर कुमार अभिषेक से मिलकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
जबकि अपने कलाकार द्वारा गलत व भ्रामक बात की दुष्प्रचार के लिए निर्देशक ने राजपूत समाज से माफी मांगी और उन्होंने बताया कि इस फिल्म में कहीं भी किसी भी जाति को टारगेट करके नहीं बनाया जा रहा है, जबकि इस में इस तरह का कोई मामला है ही नहीं। यह फिल्म इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए तैयार की जा रही है।
अभिषेक ने बताया कि मेरा बचपन इसी गांव में बीता है और तुंगी गांव मेरा ननिहाल रहा है, जबकि घर बिहार शरीफ के बैगनाबाद मोहल्ला रहा है। इसलिए मेरा बचपन इन्हीं इलाकों में बीतने के कारण हमने फिल्म को नालंदा के इन्हीं वातावरण में बनाने की ठानी है।
बता दें कि इस फिल्म को ले राष्ट्रीय राजपूत महासभा ने इस फिल्म को लेकर इस भ्रम में आ गए थे कि उनके समाज को इसमें खलनायक के रुप में प्रस्तुत किया गया है और इसी को लेकर महासभा ने इस फिल्म को लेकर अपनी तेवर तल्ख कर लिया था।