“ Ex. IPS अमिताभ दास जब रेल एसपी थे तब उन्होंने नीतीश कुमार की रेल माफियाओं के साथ सांठगांठ का रिपोर्ट उजागर किए थे….”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार कैडर के 1994 बैच के सीनियर आईपीएस ऑफिसर अमिताभ कुमार दास को बिहार सरकार ने लोकहित में सेवानिवृत्ति दे दी थी।
अमिताभ कुमार दास ने सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कैट में याचिका दायर कर अमिताभ दास ने सरकार के फैसले को चुनौती दी है।
पूर्व में नागरिक सुरक्षा परिषद में एसपी के पद पर पदस्थापित अमिताभ कुमार दास ने बिहार सरकार के फैसले को कैट न्यायालय में चुनौती दी है।
18 जुलाई 2018 को बिहार सरकार ने गृह विभाग के सहमति से लोकहित में आईजी स्तर के आईपीएस पदाधिकारी अमिताभ कुमार दास को सेवानिवृत्ति दे दी थी।
पूर्व आईपीएस ने कहा कि नीतीश कुमार जब रेल मंत्री थे, तब मैंने रेल माफियाओं के साथ उनके सांठगांठ को उजागर किया था। इसलिए मेरे खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि मुझे अपना पक्ष भी रखने का मौका नहीं दिया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि सरकार ने मालाफाइड इंटेंशन से पूर्व आईपीएस के खिलाफ कार्रवाई की है। हमने न्याय के लिए कैट का दरवाजा खटखटाया है।
दीनू कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आईजी के पद पर पदोन्नति के लिए आदेश दिया था और राज्य सरकार उनकी पदस्थापना आईजी के पद पर नहीं कर रही थी।
वहीं, पटना हाईकोर्ट ने अमिताभ कुमार दास के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को निरस्त कर दिया था। साथ ही चुनाव आयोग लगातार अमिताभ कुमार दास को चुनाव ड्यूटी में तैनात कर रही थी।