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दो एफआईआर, सिर्फ शिकायतकर्ता का नाम व थाना बदला, मजमून नहीं
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बक्सर के कृष्णब्रह्म और ब्रह्मपुर थाने में हैं दो अलग अलग मामले दर्ज
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पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष ललन की साजिशों का शिकार दिल्ली का दंपत्ति
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पत्नी मिथिलेश बक्सर जेल में तो पति है बेऊर जेल में, बिलख रहे बच्चे
पटना (विनायक विजेता)। राज्य के पुलिस प्रमुख साहेब आप खुद ही देख लिजीए कि आपके राज्य के थानों में पैसे के बल पर किस तरह फर्जी एफआईआर कराए जाते रहे हैं।
दावा है कि बिहार क्या पूरे विश्व में एक ही मजमून वाले दो अलग-अलग थानों में अलग-अलग एफआईआर आपको और आपके पुलिसिया तंत्र को भी बहुत कुछ सोचने और इसके लिए जिम्मेवार लोगों और पुलिस पदाधिकारियों पर कड़े कदम उठाने को विवश कर देगा।
यह गंभीर मामला है दिल्ली से सटे गुड़गांव के एक दुर्भागयशाली दंपत्ति निर्भय सिंह और उनकी पत्नी मिथिलेश कुमारी का। निर्भय दंपत्ति पर बिहार के पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष ललन कुमार ने कोतवाली थाना में 17 लाख 50 हजार रुपये के धोखाधड़ी का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई।
पुलिस तंत्र में अपनी गहरी पैठ का प्रमाण पेश करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। अपनी शिकायत में ललन कुमार ने लिखा है कि निर्भय सिंह से उनकी पहली मुलाकात दिल्ली के बिहार निवास के कैंटीन में हुई थी जिसके बाद दोनों की दोस्ती हो गई।
कालांतर में निर्भय सिंह और उनकी पत्नी ने उनसे साढ़े 17 लाख रुपये कर्ज लिए और उसके एवज में उन्हें फर्जी चेक थमा दिया। गुड़गांव के ये दंपत्ति ललन की शिकायत पर पिछले नवंम्बर माह से ही जेल में हैं।
बीते 10 जून 2018 को बक्सर के कृष्णब्रहम थाना क्षेत्र निवासी रंजन कुमार नामक एक युवक ने इसी दंपत्ति पर नौकरी के नाम पर ढाई लाख रुपये हड़पने की एक प्राथमिकी (263/18) कृष्णाब्रह्म थाने में दर्ज कराई।
इसके ठीक छह दिन बाद बक्सर जिले का ही गरहथा कला गांव निवसी विक्रान्त कुमार सिंह ने भी इसी दंपत्ति पर ब्रह्मपुर थाना में नौकरी के नाम पर ढाई लाख रुपये ठगने की एक दूसरी प्राथमिकी (284/18) दर्ज कराई।
दोनों शिकायतकर्ताओं ने भी पूर्व में गिरफ्तार निर्भय सिंह से पहली मुलाकात होना बिहार निवास के कैंटीन में ही बताया है। अब जरा इन दोनों शिकायतकर्ता द्वारा थाने में दी गई लिखित तहरीर पर गौर करें।
कोई आईएएस या आईपीएस क्या, थोड़ा पढ़ा लिखा व्यक्ति भी इसे देख चकरा जाएगा। क्या ऐसा संभव कि दो अलग-अलग कथित पीड़ित का शिकायती मजमून का लाईन-बाई-लाईन एक हो। अंतर है तो बस शिकायतकर्ता के नाम थाना और एफआईआर नंबर का।
इन दोनों एफआईआर को देखकर यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है दोनों शिकायती पत्र एक ही जगह टाईप किए गए, उनमें केवल नाम पता और केस करने की तिथि बदल दी गई है।
इन सबके पीछे साजिशकर्ता में एक ही व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है वह है पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष ललन कुमार और उनकी नव ब्याहता पत्नी कनक शर्मा का। अगर इन दोनो एफआईआर मामले की जांच हो तो दोनों शिकायतकता्रओं के ललन से संबंध के भी खुलासे हो जाएंगे।
ललन खुद अस्सी लाख की धोखधड़ी में आरोपित होने के बाद फरार हैं। इसी केस में उनके पुलिस अधिकारियों तक पर प्रभाव के प्रमाण सामने आए। जहां तक कनक के बारे में खुलासा हुआ है कि कनक का पिछले कई वर्षों से निर्भय सिंह और उनकी पत्नी से पारिवारिक संबंध था।
मैक्स में कार्यरत और दिल्ली के हरिनगर में रहने वाली तलाकशुदा कनक का पूर्व से ही एक 11 वर्षीय पुत्र है। कनक ने इसी वर्ष 8 मार्च को ललन से पटना में शादी की है।
ललन का आरोप है कि निर्भय सिंह से उसकी पहली मुलाकात दिल्ली के बिहार निवास में हुई। जबकि निर्भय के परिजन बताते हैं कि कनक के साथ शादी के कई वर्ष पूर्व से ही साजिशों का खिचड़ी पका रहे ललन कुमार की निर्भय सिंह और उनकी पत्नी से कनक ने ही मुलाकात करायी थी।
कनक की ललन से दोस्ती दोनों की शादी के चार-पांच वर्ष पूर्व से ही थे जिसका प्रमाण कनक के फेसबुक वॉल पर है। दोनों वर्षों से एक दूसरे को जन्म दिन की बधाईयां देते रहे हैं।
यहां तक कि कनक ने ललन के राजनीतिक भाषणों से संबंधित एक टीवी समाचार के फूटेज को भी 14 अप्रैल 2014 के डेट में अपने वॉल पर डाल रखा है। निर्भय दंपत्ति पर बक्सर में केस यह जाहिर करता है कि ललन कुमार इस फिराक में थे कि पटना वाले केस में अगर निर्भय दंपत्ति को जमानत मिल भी जाती है तो बक्सर के मामले में दोनों कई माह तक और जेल में रहेंगे।
ललन को शायद यह नहीं पता था कि दूसरों के लिए कुंआ खोदने वाला खुद भी कुंए में गिर जाता है। जेल में बंद निर्दोष दंपत्ति के दो मासूम बच्चों को बिलखने रहने देने को मजबूर करने वाले ललन को इन मासूमों का दर्द तब पता चलता जब उनका भी कोई बच्चा होता।
ऊपर वाले की लाठी बे-आवाज होती है जो एक स्वर्ण व्यवसायी के रुप में ललन कुमार के सामने आ ही गया। अब राजनतिक गलियारों ‘ललन टॉप’ के नाम से विख्यात हो रहे ललन खुद गिरफ्तारी के भय से भूमिगत हो गए हैं।