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    Sunday, November 24, 2024
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      मिट्टी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति, मशीन बनी शोभा की वस्तु

      जैसे जैसे स्वायल हेल्थ कार्ड बांटा जा रहा है, वैसे वैसे लोगों में ठगी होने का अहसास किया जा रहा है। स्वायल हेल्थ कार्ड पर मिट्टी की 12 पोषक तत्वों की जांच दर्शाया गया है, जबकि महज 5 तत्वों की जांच किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। बाकी के 7 में से दो जांच पटना भेजकर कराने की बात कही जाती है जिसका स्वायल हेल्थ कार्ड पर कहीं भी अंकित नहीं है….”

      बिहारशरीफ  (अभिमन्यू)। नालंदा जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला में प्राप्त मिट्टी के नमूनों को 12 प्रकार की पोषक तत्वों की जांच करनी है। जिसमें मृदा का पीएच मान, ईसी, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, बोरोन, आयरन, मैगनीज़ एवं कॉपर की जांच शामिल है।nalanda swail test scame 1

      लेकिन जिला स्थित मिट्टी जांच केंद्र में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया जा रहा है। मिट्टी की प्राप्त नमूनों का 12 प्रकार की पोषक तत्वों की जांच करनी है, जिसमें सिर्फ 5 तरह की जांच ही स्वायल हेल्थ कार्ड पर अंकित किया गया है।

      जिसमें मृदा का पीएच मान, ईसी, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन एवं फॉस्फेट सहित कुल पांच पोषक तत्वों की ही जांच शामिल है। बोरोन और कॉपर की जांच के लिए राज्य स्तर पर भेज कर जांच कराने की बात कही जाती है। जिसका किसी भी स्वायल हेल्थ कार्ड पर कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है।

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      शोभा की वस्तु बनी एएएस मशीन……….

      पोटैशियम, सल्फर, जिंक, आयरन एवं मैगनीज जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच की सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं  है।

      इस संबंध में टेक्निशयन मुरारी मोहन ने बताया कि सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच के लिए एएएस मशीन 2014 में लाया गया था।

      इसका इंस्टॉलेशन अभी तक नहीं होने के कारण मिट्टी की संपूर्ण जांच कर पाना संभव नहीं है। हर बार मीटिंग में इस बात को रखा जाता है लेकिन आज तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

      जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला में 5 वर्षों से रखी एएएस मशीन सिर्फ शोभा की वस्तु बनी हुई है। जिसके वजह से पोटैशियम, सल्फर, जिंक, बोरोन आयरन, मैगनीज़ एवं कॉपर की जांच नहीं हो पाती है।

      प्राप्त सूत्रों के अनुसार वितिय वर्ष 2014 में ही मशीन मंगाई गई थी जिसका अभी तक इंस्टालेशन तक नहीं किया गया है। जिसके चलते मिट्टी जांच रिपोर्ट अधूरा दिया जाता है। इस बात को हर बार बैठक में उठाया जाता है उसके बावजूद भी यह हाल है।

      अब सवाल यह उठता है कि अधूरी मिट्टी जांच रिपोर्ट से किसानों की आय मे दोगुणी पायेगी।

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