“बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने राजधानी पटना के आसरा होम कांड में एक बड़ा हमला करते हुये साफ खुलासा किया है कि इसमें 5 बड़े रंगीन अफसर संलिप्त हैं और सीएम नीतिश कुमार को उन्हें वर्खास्त कर देनी चाहिये….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। वेशक ‘मुजफ्फरपुर महापाप’ के बाद राजधानी ‘पटना आसरा होम’ का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। आसरा होम की एक और लड़की की मौत और इससे पहले दो लड़कियों के गायव होने के बाद से सरकार और पुलिस की परेशानियां बढ़ती दिख रही है। वहीं, विपक्ष इस मामले में सरकार को फिर से घेरने की कोशिश में लगा है।
इससे पहले मुजफ्फरपुर रेप कांड में आरोपियों के तार राजनीति से जुड़े होने के बाद से विपक्ष नेताओं द्वारा जमकर बवाल काटा गया था। विपक्ष के लगातार आरोप के बाद समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं, आसरा होम मामले में मनीषा दयाल पहले से ही जेल में है। और उसके तार राजनेताओं से जुड़े होने का आरोप पहले से ही लगाया जा रहा है।
अब विपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि पटना के आसरा गृह कांड में 5 बड़े रंगीन अधिकारी संलिप्त हैं। वहीं, उन्होंने ऐसे रंगीन और भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश सरकार और उनके अधिकारियों पर भ्रष्टता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि, ‘पटना के आसरा गृह कांड में 5 बड़े रंगीन अधिकारी संलिप्त हैं। नीतीश जी में नैतिक बल नहीं कि लड़कियों की इज्जत से खिलवाड़ करने वाले ऐसे नैतिक भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त कर सकें। अगर उन्होंने ऐसा किया तो यह अधिकारी उनका काला चिट्ठा खोल देंगे।’
तेजस्वी यादव ने आसरा होम के तार राजनीति से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘मुजफ्फरपुर बालिका गृह और पटना आसरा होम गृह संचालको और आरोपियों के तार आपस में जुड़े हुए हैं। इसमें सीएम के अनेक पसंदीदा अधिकारी और सफेदपोश सम्मिलित हैं। यह सत्ता संपोषित संगठित सेक्स रैकेट हैं। सरकार ने इन एनजीओ पर बिना जांच के सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये लुटाए हैं।’
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने एनडीए के सीट बंटवारे पर भी तंज कसते हुए कहा कि, ‘बिहार में सरकारी संरक्षण में बच्चियों की इज्जत लूटी जा रही है। और यहां सीटों के बंटवारा-बंटवारा खेला जा रहा है।’
बहरहाल शेल्टर होम के मामले में नीतीश सरकार की पहले ही काफी फजिहत हो चुकी है। अब पटना आसरा होम का मामला भी कई घटनाओं के बाद तुल पकड़ते जा रहा है। बीते शुक्रवार को आसरा होम की एक लड़की की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गई। जिसके बाद समाज कल्याण विभाग और आसरा होम में काम कर रहे लोग सभी सवालों के घेरे में आ गए हैं।
बता दें कि आसरा होम की संचालिका मनीषा दयाल के जेल जाने के बाद आसरा होम की देखरेख समाज कल्याण विभाग के द्वारा किया जा रहा था। यह डेजी नाम की महिला को इसकी देखरेख करने के लिए दिया गया था। जिसके बाद एक लड़की की मौत से फिर से बखेड़ा खड़ा हो गया है। वहीं, बिहार में राजनीति भी इसपर तेज हो गई है।