“एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क को इस्लामपुर प्रखड में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के चयन को लेकर आहूत आमसभा के दौरान एक पुलिस जमादार के जिस तरह के वीडियो उपलब्ध कराये गये हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। ऐसे पुलिस वाले को सीधे वर्दी वाला गुंडा से इतर नहीं कहा जा सकता….शासन को चाहिये कि पहले ऐसे गुंडो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे…”
ऐसे उन्मादी पुलिस जमादार के खिलाफ कार्रवाई कर दिखाएं नालंदा डीएम-एसपी
बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में सुशासन बाबू की सरकार है। जीरो टॉलरेंस की नीति पर पुलिस-प्रशासन काम करने के दावे हैं लेकिन, नालंदा पुलिस अपनी संदिग्ध कार्यशैलियों से हमेशा सुर्ख़ियों में बने रहने की आदत छोड़ने से बाज नहीं आ रही।
अपराधियों- माफियाओं से सांठगांठ और आम जनता पर बेवजह बात-बात में थप्पड़ चला देना और यहां तक कि भरी भीड़ में खुद की दबंगई साबित करने के लिये फायरिंग तक कर देना, नालंदा पुलिस की कौन सी पब्लिक फ्रेंडली उजागर करती है। यह समझ से परे हैं।
लेकिन, आम जनता भ्रष्टाचार का विरोध करें तो पुलिस उसका स्वागत थप्पड़ से करे। खुद समाज में उन्माद फैलाये। दो गुटों में तनाव का माहौल कायम होने का वाहक बन जाये तो लोकतांत्रिक व्यवस्था का आमजन के मौलिक अधिकारों का भगवान ही मालिक है।
प्राप्त वीडियो विगत 21 अगस्त को इस्लामपुर प्रखंड के आत्मा पंचायत के लोदीपुर गांव में वार्ड नंबर 5 में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के पद पर चयन के समय का है। इस वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के चयन में हो रहे भ्रष्टाचार पर आपत्ति करने पर वहां मौजूद इस्लामपुर थाना के जमादार सत्येंद्र सिंह एवं सिपाही आग बबूला होकर आपत्तिकर्ता पर दौड़े और उसपर बेवजह थप्पड़ चला दी, उससे वहां मौजूद और ग्रामीणों में उन्माद का माहौल फैल गया।
इससे ग्रामीणों के दो गुटों में रोड़ेबाजी शुरू हो गई। पुलिस मामला को बढ़ता देख कर पहले फायरिंग भी कर दी, जिसमें एक महिला घायल भी हुई थी।
आत्मा पंचायत के मुखिया पति चंद्रभूषण यादव ने बताया कि पुलिस की मिलीभगत से बाहर से आए हुए कुछ अज्ञात अपराध कर्मी उनकी हत्या करने की मंशा से आए थे। आपत्तिकर्ता का मांग जायज़ थी। वहां मौजूद पर्यवेक्षिका से उन्होंने बस केवल इतना ही मांग किया कि जिसे आप चयनित कर रहे हैं,उसके मूल प्रमाण पत्र को दिखाया जाए।
मुखिया आगे बताते हैं कि बस इतना ही बोलना पर वहां मौजूद जमादार सत्येंद्र सिंह आग बबूला होकर आपत्तिकर्ता को आकर थप्पड़ मार बैठा।
सवाल उठता है कि जब आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन की आमसभा में पुलिस समाज की सुरक्षा के बजाय खुद उसे भड़कायेगी तो किस तरह का महौल बनेगा। ऐसे उन्मादी जमादार पर किस हद तक कार्रवाई होती है।