एक्सपर्ट मीडया न्यूज। कल 9 अगस्त को नालंदा जिले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर अवस्थित जिला परिषद की कोरोड़ों की भूमि की लूटने-लुटवाने की पूरी तैयारी थी। इसमें पुलिस-प्रशासन-दलाल और भू-माफिया सब संलिप्त थे।
सरकारी भूमि की लूट के इस बड़े खेल के पिछे किसी भी सफेदपोश का हाथ हो, लेकिन इतना तय हो गया है कि राजगीर एसडीओ और जिला परिषद के अभियंता की इसमें खुली भागेदारी को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
राजगीर एसडीओ ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के सबाल पर साफ कहा था कि जिला परिषद की भूमि वहां है और उसके अभियंता ने एक रिपोर्ट दिया है कि उनके (परिषद परिषद) सर्वेयर आये थे। उनके अमीन आये थे। उन्होंने अपनी भूमि चिन्हित कर ली है।
एसडीओ ने आगे जबाव में कहा था कि रिपोर्ट 8 अगस्त को ही मिली थी। उसमें साफ लिखा है कि उस प्लॉट में मात्र 2.5 डिसमिल भूमि ही जिला परिषद की है। अब उसमें हो रहे निर्माण को वे नहीं रोक सकते।
उन्होंने जिला परिषद के अभियंता द्वारा संलग्न चिन्हित नक्शा का भी जिक्र किया था। उसके बाद उन्होंने इस संबंध में नालंदा डीडीसी से बात कर जानकारी लेने की बात कही।
इस मामले को लेकर डीडीसी ने साफ तौर पर कहा था कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। अगर कोई आपत्ति दर्ज करता है तो जमीन की नापी का आदेश दिया गया होगा या दिया जा सकता है। इधर कोई नापी कार्य हुई है, उनके संज्ञान में नहीं है। वे इस मामले में पता करने के बाद ही विशेष बता सकते हैं।
इधर आज एक स्थानीय दैनिक अखबार में प्रकाशित संबंधित समाचार में उल्लेख है कि “एसडीओ संजय कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही सीओ को भेजकर काम रुकवाया गया है। इस भूमि को लेकर जिला परिषद के अभियंता द्वारा कई बार रिपोर्ट दिया गया है जिसमें विरोधाभास है। चार बार रिपोर्ट दी गयी है और चारों रिपोर्ट में अलग-अलग बात है। जिसके कारण समस्या हो रही है। उन्होंने बताया कि पुन: स्पष्ट रिपोर्ट देने को कहा गया है“।
हालांकि, अखबार में छपे समाचार को देख कर साफ प्रतीत होता है कि एसडीओ ने यहां सफेद झूठ का सहारा लिया है। जिला परिषद की भूमि पर पर दलाल-माफियाओं द्वारा सुबह से पक्का निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया था। इस बात की उन्हें पहले से जानकारी थी।
राजगीर सीओ ने देर शाम उस वक्त अवैध निर्माण कार्य को रुकवाया, जब 4 फीट से उपर की पक्की दीवार खड़ी कर दी गई। अगर एसडीओ के आदेश से यह काम रुकवाया गया तो फिर सुबह से एसडीओ चुप्पी साधे क्यों थे। अगर उनकी नजर में जिला परिषद के अभियंता के नापी-नक्शा सही हैं तो फिर उन्हीं के आदेश से काम क्यों बंद करवा दिया गया।
क्या राजगीर एसडीओ को पहले से यह पता नहीं था कि ‘जिला परिषद के अभियंता द्वारा कई बार रिपोर्ट दिया गया है, जिसमें विरोधाभास है। चार बार रिपोर्ट दी गयी है और चारों रिपोर्ट में अलग-अलग बात है’। आखिर 4 फीट ऊंची पक्की दीवार उठने के बाद देर शाम उनके चक्षु ज्ञान अचानक कैसे खुल गये।
राजगीर सीओ ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को देर शाम स्पष्ट तौर पर बताया था कि उन्हें पता नहीं है कि इस बार का नया मामला क्या है। पिछली बार उन्होंने एसडीओ के कहने पर इसी प्लॉट पर काम बंद करवाया था। जिला अभियंता की नापी-नक्शा के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
कमोवेश इसके पूर्व सुबह में अवैध निर्माण स्थल पर मौजूद राजस्व कर्मचारी ने भी कुछ ऐसा ही जानकारी दी थी। उसे भी पता न था कि यहां किसके आदेश पर क्या हो रहा है। उसे बस मिले आदेश के तहत काम करते देखते जाना है और आगे जैसा हो, वैसी ही रिपोर्ट करनी है।