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ब्रजेश ठाकुर का एक और ‘महापाप’ आ रहा सामने
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काम करने वाली बाई की भी हत्या कर की लाश गायब
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2002 में ही इस संदर्भ में मुजफ्फरपुर में हुआ था मामला दर्ज
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हर क्षेत्र में बना रखी थी पैठ, कई नामचीन लोगों से थे संबंध
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घरेलू कार्य के लिए भी सप्लाई की जाती थी बच्चियां और महिलाएं
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एक दिन भी नहीं रहा बंद जेल के बैरक में, हो गया अस्पताल में भर्ती
मुजफ्फरपुर (विनायक विजेता )। मुजफ्फरपुर स्थित अल्पावास गृह मामले में जेल भेजे गए सेवा संकल्प एवं विकास समिति (वर्तमान में समाज कल्याण विभाग द्वारा निबंधन रद्द) का एक और महापाप के मुजफ्फरपुर में चर्चा हो रही है।
ब्रजेश ठाकुर से कभी जुड़े और नजदीकी रही एक महिला ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ब्रजेश ठाकुर की संस्था के अधीन चलने वाले अल्पावास गृह और स्वधार गृह में वर्षों से घिनौना काम हो रहा था।
ब्रजेश ठाकुर के सारे कुकृत्यों को वहां काम करने वाली एक बाई जानती थी। जब बाई ने ब्रजेश ठाकुर के सामने उसके अनैतिक कर्मोंं का विरोध कर पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो ब्रजेश ठाकुर एंड कंपनी ने उस बाई को ही गायब कर दिया। आशंका जताई जा रही है कि ब्रजेश ने बाई की हत्या कर या करा उसकी लाश को गायब कर दिया।
2002 में इस मामले में मुजफफ्रपुर के नगर थाना में मामला भी दर्ज हुआ था जिस मामले को मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसपी नैयर हसनैन खान व तत्कालीन डीआईजी ने सत्य पाया था।
पर तत्कालीन डीएम के दवाब में पुलिस ब्रजेश ठाकुर एंड कंपनी तथा ग्रजेश के साले रीतेश अनुपम पर हाथ नहीं डाल सकी। जबकि दोनों का नाम एफआईआर में दर्ज है।
मुजफ्फरपुर के कई साभ्रन्त व्यक्ति जो ब्रजेश ठाकुर और उस बाई को जानते हैं ने दावा किया कि इस मामले की जांच कर रही सीबीआई अगर गायब हुई उस बाई से संबंधित एफआईआर को फिर से खोलकर उसकी जांच करे तो और कई विस्फोटक तथ्य सामने आ सकते हैं।
इधर इस मामले में विश्वस्त सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि ब्रजेश ठाकुर एक कंपनी अल्पावास गृह और स्वधार गृह में रहने वाली बच्चियों और महिलाओं के साथ सिर्फ कुकर्म ही नहीं कराता था।
बल्कि वह उन्हें अपने नजदीकियों के यहां सुबह-शाम घरेलू कार्यों के लिए भी भेजा करता था, जिनके काम के एवज में गृह मालिकों से मिले पैसे वह अपने पास ही रख लेता था।
सनद रहे कि अल्पावास गृह मामले के सामने आने के बाद ब्रजेश ठाकुर की एक अन्य संस्था ‘स्वाधिकार गृह’ में रहने वाली 11 महिलाएं भी रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। गायब महिलाओं का कोई भी सुराग पुलिस या सीबीआई को अब तक नहीं लगा है।
ब्रजेश ठाकुर ने हर क्षेत्र में अपनी पैठ बना रखी थी। अपनी पहुंच और पहचान के लिए वह सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता था। ऐसे ही एक कार्यक्रम में वह एमडीडीएम कॉलेज, मुजफ्फरपुर की प्राचार्या व वहां के एक लब्ध चिकित्सक संजय श्रीवास्तव के साथ दिखायी दे रहा है।
ब्रजेश ठाकुर के कुकर्मों के उजागर होने के बाद वैसे सारे लोग शर्मशार है जो उससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े थे। पूरे मुजफ्फरपुर में सबों के जुबान पर बस एक ही चर्चा है ब्रजेश ठाकुर…ब्रजेश ठाकुर।
ब्रजेश ठाकुर की पहुंच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गिरफ्तारी के वक्त भला चंगा और निर्लज्जों की तरह खिलखिलाता ब्रजेश ठाकुर मुजफ्फरपुर स्थित खुदीराम बोस केन्द्रीय कारागार भेजे जाने के बाद से ही जेल में भी शान और ऐसो आराम की जिंदगी जी रहा है।
जेल के अंदरुनी सूत्रों के अनुसार ब्रजेश जेल जाने के बाद एक दिन भी किसी बैरक में बंद नहीं रहा बल्कि जेल जाते ही उसकी सुविधा के लिए उसे जेल अस्पताल में रखा गया है।
यह भी जांच का विषय है कि पूर्ण रुप से स्वस्थ ब्रजेश ठाकुर को किससे इशारे पर जेल के अंदर सारी सुविधाएं दी जा रही है और उसे बैरक या वार्ड में न रख जेल अस्पताल में रखा गया।