“नालंदा जिले में पुलिस के समर्थन में आए नगर निगम के वार्ड पार्षदों और जिला अधिवक्ता संघ के बीच अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। संघ ने अपराधिक छवि के वार्ड पार्षदों के केस नहीं लड़ने का निर्णय लिया है।”
एक्सपर्ट मीडया न्यूज। नालंदा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रभात कुमार रूखैय्यार ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि संघ की लड़ाई नगर निगम से नहीं, बल्कि पुलिस की कार्यशैली से है। वार्ड पार्षद जिसे भू-माफिया की संज्ञा दे रहे हैं, उस वकील के पास कोर्ट के ऑर्डर है। कानून से ऊपर कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि निगम को जहां काम करना करे, संघ को कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन वकील पवन कुमार के पास स्टे ऑडर होने के बाबजूद भी बोरिंग करायी जा रही थी, जो गलत है। पुलिस से शिकायत करने पर संघ के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया।
सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि कई वार्ड पार्षद ऐसे हैं, जो गरीब गुरबा की जमीन पर कब्जा जमा रखा हैं। इन लोगों पर कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है। वैसे वार्ड पार्षदों का काला चिट्ठा संघ खोलेगा।
उधर, नगर आयुक्त सौरव जोरवाल ने बताया कि शहर में अतिक्रमण करने वाले का काला चिट्ठा खोला जाना चाहिए। इसमें हर स्तर पर निगम प्रशासन साथ देगा।
उन्होंने कहा कि इस दायरे में सिर्फ वार्ड पार्षद ही नहीं बल्कि अवैध कब्जा करने वाले सभी लोग आते हैं। ऐसे लोगों का भी नाम उजागर किया जाय। वैसे सभी सरकारी जमीनों को निगम अपने कब्जे में लेगा। साथ ही दोषी लोगों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।