“नालंदा के हरनौत तथा हिलसा में शौचालय निर्माण में घोटाला उजागर होने के बाद सीएम की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय में नवनिर्मित जलमीनार के ध्वस्त होने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।”
नगरनौसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की राजनीति में कदावर नेता और राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के पैतृक गाँव नगरनौसा प्रखंड के गिलानीचक में सात निश्चय योजना का जलमीनार अचानक ध्वस्त होकर गिर पड़ा। वो भी ग्रामीणों को एक बूंद पानी का दर्शन कराए बिना ।
घटना के बाद वार्ड सदस्या के पति ने “अंधेर नगरी चौपट राजा” कहानी के चरित्र को चरितार्थ करते हुए मजदूरों द्वारा पिलर में पर्याप्त पानी नहीं देने का आरोप लगाया है।
बिहार के सीएम भ्रष्टाचार मामले में जहां जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं, वहीं उनके ही जिला के प्रखंड नगरनौसा में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।
प्रखंड के गोराइपुर पंचायत अंतर्गत व बिहार सरकार के कद्दावर नेता और मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के पैतृक गाँव गिलानीचक गांव में सोमवार के सुबह सरकार के द्वारा चालू सात निश्चय योजना अंतर्गत हर घर नल का जल क्रियान्वयन को लेकर निर्मित हुआ पानी टँकी जलमीनार में पानी डालते ही एकाएक धराशाही हो गया।
प्रखंड में जलमीनार गिरने की यह पहली घटना नही है विदित हो कि कुछ दिन पूर्व ही प्रखंड के दामोदरपुर बलधा पंचायत के वार्ड नम्बर10 में बना भी जलमीनार गिर गया था।
इधर सात निश्चय योजना से बना रहा जलमीनार पानी भरने के साथ ही एकाएक धरासायी होने की खबर की जानकारी मिलते ही पूरे प्रखंड महकमा में हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड के गोराइपुर पंचायत अंतर्गत गिलानीचक गांव में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना से गांव में पक्कीकरण गली-नाली व हर घर नल जल योजनाओं का वार्ड विकास समिति द्वारा क्रियान्वयन कराया जा रहा था।
क्रियान्वयन के दौरान ही सोमवार के दिन सुबह ही गांव में सात निश्चय योजना से बन रहे जलमीनार पानी भरते के साथ ही एकाएक धरासायी हो गया।
ग्रामीण वलेश्वर मांझी, अनिल राम, अजय राम नरेश मिस्त्री, बह्मदेव ठाकुर, शिवालक पंडित ने बताया कि निर्माण के दौरान मिस्त्री द्वारा अनियमिता बरतने के चलते यह घटना घटी। मिस्त्री द्वारा अपने स्तर से निर्माण किया गया। कुछ बोलने पर मिस्त्री द्वारा बोला जाता कि मिस्त्री तू है या हम।
प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि कनीय अभियंता द्वारा जलमीनार की जांच सात दिन पूर्व ही किया गया था। जांच के दौरान कार्य करा रहे वार्ड विकास समिति के सदस्यों को दिशा निर्देश दिया गया था कि जलमीनार के ऊपरी भाग पतला व कमजोर है। जिसे तोड़ कर पुनः नियमानुसार बनाने का आदेश दिया गया था।
वार्ड सदस्या पति रामजतन मांझी ने बताया कि लेबरों के द्वारा कहने के बाबजूद भी पूर्ण मात्रा में जलमीनार के पिलर को पानी नहीं दिया गया।जिससे सीमेंट पूर्ण रूप से जम नही पाया यही कारण है कि पानी टँकी का वजन पिलर सह नही पाया औऱ गिर गया।