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    Sunday, November 24, 2024
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      बिना वारंट संपादक को अरेस्ट करने रांची पहुँची नालंदा पुलिस की बिहार डीजीपी से शिकायत

      (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज/ राजनामा/ इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार  राज्य में  कानून एवं न्याय की शासन की दुहाई देते हैं, लेकिन उनके ही जिले नालंदा की पुलिस नियम एवं कानून को ताक पर रखकर अपनी भद्द पिटवाने झारखंड की राजधानी रांची पहुँच गई एक न्यूज पोर्टल के संपादक -संचालक को गिरफ्तार करने  और वो भी बिना किसी वारंट तामिल कराए हुए । 

      गनीमत रही कि इस गिरफ्तारी की सूचना ओरमांझी थाना प्रभारी के साथ रांची एसएसपी तथा ग्रामीण एसपी को लग गई। उन्होंने नालंदा एसपी को मोबाइल पर किसी की इस तरह की गिरफ्तारी का विरोध किया।

      RANCHI SSP
      रांची एसएसपी कुलदीप द्वेदी………

      तब जाकर नालंदा पुलिस टीम वहाँ से शर्मिन्दा होकर बैरंग लौट गई। यहाँ तक कि नालंदा के राजगीर थाना के आईओ ह्द्यानंद ने गिरफ्तारी ज्ञापन भी लगभग तैयार कर चुके थे। लेकिन रांची एसएसपी के सीधे निर्देश के बाद उन्होंने थाना से रफ्फू चक्कर होने में ही भलाई समझी।

      नालंदा पुलिस की इस घृणित कार्य से बिहार तथा झारखंड के पत्रकारों तथा बेबसाइट संचालकों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोग नालंदा पुलिस से सवाल कर रहे हैं कि क्या उक्त पत्रकार जिनकी गिरफ्तारी करने पुलिस पहुँची थीं, क्या वे किसी हत्या के आरोपी है ,जो किसी बिना वारंट के ही पहुँच गए।

      पुलिस जिस वाहन से रांची आई, उस वाहन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस किस की वाहन से और किसके इशारे पर पत्रकार को गिरफ्तार करने पहुँची थी।

      इधर पीड़ित संपादक ने बिहार डीजीपी को मेल कर दोषी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने एवं न्याय की मांग की है।

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      बिना रांची एसएसपी या ओरमांझी थानाध्यक्ष की स्वीकृति के अरेस्ट पेपर भी तैयार करने लगी थी नालंदा की कथित पुलिस एसआईटी टीम…..

      बताया जाता है रांची से प्रसारित बेबसाइट राजनामा डाॅट काॅम, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज तथा इंडिया न्यूज रिपोर्टर के संचालक संपादक मुकेश भारतीय ने पिछले साल नालंदा के राजगीर में मलमास मेला की सैरात भूमि पर भू-माफियों के द्वारा कब्जा करने की खबर अपने बेबसाइट में प्रमुखता के साथ तथ्यों के साथ प्रसारित की थी।

      इस खबर से तिलमिलाएं एक भू माफिया ने राजगीर थाना में बैठकर संपादक को धमकी देते हुए राजगीर थाना में केस दर्ज कराया था।

      नालन्दा पुलिस राजगीर थाना (फर्जी आरोप) कांड संख्या-108/2017 में न्यायालय बिना वारंट लिए वगैर राजनामा डाॅट काॅम के संपादक मुकेश भारतीय को रांची के ओरमांझी जांच के बहाने गलत नाम विकास भारतीय बता रांची के ओरमांझी थानाध्यक्ष संतोष कुमार के सामने झूठ बोल कर मुकेश भारतीय को आवास से गिरफ्तार कर नालन्दा लाने का सफल अप्रयास किया।

      लेकिन रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी,  ग्रामीण एसपी और स्थानीय थानाध्यक्ष संतोष कुमार बिहार  के नालन्दा एसपी सुधीर कुमार पोरिका को एवं राजगीर डीएसपी संजय कुमार को न्यायालय का बिना वारंट गिरफ्तार कर ले जाने को लेकर  फोन पर हीं सवाल उठाया तथा नालंदा पुलिस को सुपुर्द करने से सीधे मना कर दिया।

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      इसी गैर पुलिसिया वाहन से, जो एक बड़ा जांच का विषय है, सवार होकर रांची पहुंचे थी नालंदा पुलिस की कथित एसआईटी….

      धन्यवाद के पात्र बने रांची के वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने ओरमांझी थाना से सीधे मुकेश भारतीय को अपने मीडिया साइट हाउस लौट जाने को कहा, जहाँ  वे अपने साइट चलाते हैं, वहां लौट गए।

      बता दें कि करीब एक साल पहले राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि के चिन्हित अतिक्रमणकारी शिव नन्दन प्रसाद द्वारा मीडिया की आवाज को दबानेे  के मात्र उद्देश्य  से राजगीर थाने में धर्मराज प्रसाद, खुदरा व्यापार के सचिव व राजगीर के वरीय पत्रकार रामविलास सहित मुकेश भारतीय पर भी राजगीर थाना कांड संख्या-108/2017 ( बिल्कुल फर्जी आरोप पर आधारित) रंगदारी मांगने व आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया  था। 

      उस कांड के अनुसंधान पदाधिकारी ह्रदयानाथ प्रसाद एवं कमलजीत- एसआईटी नालन्दा पुलिस के साथ दो अन्य सशस्त्र पुलिस जवान भी शामिल थे, अचानक  बिना वारंट उठा लेने की मंशा से गये  और खाली हाथ वैरंग वापस लौट गये । 

      इधर पीड़ित संचालक- संपादक ने सारे मामले की  शिकायत बिहार के पुलिस महानिदेशक से इस प्रकार की है…..

      सेवा में,

      श्रीमान् पुलिस महानिरीक्षक,

      पटना, बिहार सरकार।

       विषयः नालंदा पुलिस की मनमानी रवैया के खिलाफ त्वरित जांच-कार्रवाई के संबंध में.

       महाशय,

      सादर सूचित करना है कि मैं मुकेश कुमार ‘मुकेश भारतीय’ मूलतः ग्राम-लोदीपुर रामघाट, थाना-चंडी, जिला-रांची (बिहार) निवासी पिछले दो दशक से अपने पैत्रिक कार्यालीय व्यवसायिक आवास  एक्सपर्ट मीडिया सर्विस, 17/1,एन.एच-33, चकला मोड़, ओरमांझी, रांची (झारखंड) में रह कर करीब 3 दशक की पत्रकारीय जीवन में पिछले एक दशक से वेब जर्नलिज्म के तहत  www.raznama.com /www.expertmedianews.com  /www.indianewsreporter.com न्यूज पोर्टल वेबसाइट का संचालन-संपादन का कार्य कर रहा हूं।

      बीती 11 अप्रैल की रात करीब दस बजे नालंदा जिला की राजगीर थाना की पुलिस एएसआई कमलजीत, एएसआई हृदय प्रसाद व दो पुलिस कर्मी एक लक्जरी तवेरा मारुति वाहन से हमारे रांची स्थित कार्यालीय आवास आये और अपने साथ राजगीर थाना चलने की बात कही। वे खुद को एसआईटी की टीम बता रहे थे और एसपी, नालंदा के आदेश से आये हुये बता रहे थे। इसके बाद मैं उस दल के साथ स्थानीय ओरमांझी थाना पहुंच कर यहां के थाना प्रभारी और रांची एसएसपी से बात की। मेर अनरोध पर रांची एसएसपी ने मुझे मोबाइल उस कथित एसआईटी टीम, नालंदा पुलिस के साथ जाने से मना कर दिया।

      आपको मालूम कि राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि पर काबिज एक चिन्हित भू-माफिया शिवनंदन प्रसाद ने पहले राजगीर थाना में बैठकर पहले थाना प्रभारी के सामने मुझे मोबाईल पर धमकियां दी और फिर राजगीर के वरीय पत्रकार राम विलास प्रसाद, खुदरा दुकानदार संघ के सचिव धर्मराज प्रसाद के खिलाफ बिल्कुल फर्जी एफआईआर राजगीर थाना कांड संख्या-108/2017 दर्ज कर दिया। इस एफआईआर के अनुसंधानकर्ता एएसएई हृदय प्रसाद ने मेरे साथ एक बातचीत में खुद स्वीकार किया था कि उक्त चिन्हित अतिक्रमणकारी भू-माफिया ने थाना प्रभारी के सामने थाना में बैठकर पहले मुझे धमकियां दी और बाद में मनगढ़ंत एफआईआर कर दिया।

      तब मैंने दोनों ऑडियो क्लीप को तात्कालीन नालंदा एसपी व डीएम को भेज कर उस पर जांच कार्रवाई की मांग की थी। मेरी मांग पर वर्तमान बिहारशरीफ डीएसपी हेड क्वार्टर को विशेष जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही थी। उस जांच में मैंने सारे सबूत उन्हें उपलब्ध करा दिये थे कि किस तरह मुझे धमकियां देकर राजगीर थाना प्रभारी की सांठगांठ से फर्जी मुकदमा कर दिया गया है।

      इसके पूर्व कभी भी राजगीर थाना के किसी पुलिस अफसर ने उस मामले को लेकर मेरा पक्ष जानने की कोशिश नहीं की। राजगीर डीएसपी को भी तब सारे प्रमाण तत्काल उपलब्ध करा दिये थे।

      आपको मालूम कि बीती रात करीब दस बजे राजगीर, नालंदा की कथित पलिस एसआईटी टीम ने अचानक मेरे रांची आवास-कार्यालय में बिना वारंट जिस तरह के व्यवहार किये, वे काफी भयभीत करने वाले थे। शुक्र है कि राजधानी रांची के एसएसपी, ग्रामीण एसपी और ओरमांझी थाना प्रभारी ने मुझ जैसे जर्नलिस्ट को लेकर रात में नालंदा पुलिस की टीम की मंशा को भांपते हुये उन्होंने बिना वारंट मुझे ले जाने से मना कर दिया।

      अतः श्रीमान से सादरानुरोध है कि इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुये नालंदा जिले के कथित एसआईटी टीम बन कर आये दोषी पुलिस कर्मियों के साथ राजगीर थाना प्रभारी की सांठगांठ से मुझे किये गये फर्जी एफआईआर व उससे संबंधित अब तक की अनुसंधान की अपने स्तर से फौरिक जांच-कार्रवाई करने की कृपा करें।

      इस हेतु मैं श्रीमान का आजीवन आभारी रहूंगा।

      आपका विश्वासी, 

      मुकेश भारतीय

      एक्सपर्ट मीडिया सर्विस, 17/1, एन.एच-33, चकला मोड़, ओरमांझी, रांची (झारखंड)।

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