हिलसा/गिरियक/कतरीसराय (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के ग्रामीण इलाकों में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सड़क से रेल तक समान हालत रही। बंद समर्थक मीडिया और एंबुलेंस तक को अपना निशाना बनाते रहे और पुलिस प्रशासन के साथ दिन भर आंख मिचौली करते रहे।
हिलसा से खबर है कि एससीएसटी एक्ट को कमजोर करने के विरोध में आहूत भारत बंद का असर हिलसा में भी दिखा। रेल से लेकर सड़क तक पर बंद का प्रभाव दिखा। बंद समर्थक के कारण कहीं रेल तो वाहन घंटो रुका रहा।
बाजार जहां सूनी दिखी वहीं कार्यालयों में भी चहल-पहल नहीं दिखा। बंद को सफल बनाने के लिए अहले सुबह से लोग सड़क पर उतरकर नारेबाजी करनी शुरु कर दी। जत्थों में रहे बंद समर्थक हिलसा-फतुहा और हिलसा-एकंगरसराय मुख्य पथ पर जगह-जगह अवरोध लगाते रहे।
बंद समर्थकों के अवरोध के कारण सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रभाविता हुई। बंद समर्थक रेलवे को भी अपने निशाने पर लिया। ऐसी जगह बंद समर्थकों ने रेल को रोका जहां पुलिस-प्रशासन को उम्मीद नहीं थी।
जूनियार हाल्ट के निकट सुबह में पटना जाने वाली ट्रेन को बंद समर्थकों ने रोका। पुलिस-प्रशासन के पहुंचने पर तकरीबन एक घंटा बाद जूनियार से ट्रेन खुली। इसके बाद बंद समर्थक बीस नम्बर गुमटी को बंद नहीं करने दिया। फलत: मजबूरन ट्रेन वहां भी रुकी।
बंद समर्थकों की चपेट में हटिया ट्रेन भी आया। इस्लामपुर की ओर जा रही हटिया ट्रेन को बाईस नम्बर गुमटी के निकट बंद समर्थकों ने रुकने को मजबूर कर दिया। पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप पर करीब एक घंटे बाद ट्रेन इस्लामपुर की ओर रवाना हुआ।
इसके बाद बंद समर्थक वरुणतल चौराह, ढनढन चौक और योगीपुर मोड़ के निकट सड़क पर बैठकर वाहनों की आवाजाही को रोका। बंद समर्थकों की रुक-रुक कर हो रही आवाजाही के कारण शहर की लगभग सभी दुकानें बंद रही।
हर रोज चहल-पहल वाला हिलसा बाजार सोमवार को बीरान दिखा। सरकारी तथा गैर-सरकारी कार्यालयों में भी आमदिनों की तरह भीड़-भाड़ नहीं दिखी।
बंद को सफल करने में मो. परवेज आलम, नवल यादव, गोरेलाल यादव, सुजीत चौधरी, चुन्नू चंद्रवंशी, स्वामी सहजानंद, जयप्रकाश पासवान, मुकेश कुमार, जितेन्द्र रजक, प्रेम चौधरी एवं रामचंद्र रविदास काफी तत्पर दिखे।
गिरियक से सूचना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में एससी, एसटी एक्ट संबंधी सोमवार को भारत बंद समर्थकों ने एनएच 31 पर पेड़ गिराकर व टायर जलाकर जाम किया। जिससे दिनभर गाड़ी की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गयी।
बिहार और झारखंड की लाइफ लाइन कही जाने वाली NH 31 पर गाड़ियों का आना जाना पूरे दिन प्रभावित रहा। बंद समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान नवादा से पटना जाने वाली एंबुलेंस गाड़ी को भी नहीं जाने दिया।
एंबुलेंस पर सवार मरीज को गांव से होकर जाने वाली रोड द्वारा जाना पड़ा। जाम कर रहे लोगों ने मीडिया कर्मियों से भी बदसलूकी की। मीडियाकर्मियों के द्वारा एंबुलेंस पर सवार मरीज का फोटो लेने के दौरान बंद समर्थकों के साथ कहासुनी भी हो गई । फोटो ले रहे मीडिया कर्मियों को भी नहीं बख्श।
आने जाने वाले यात्रियों को तो परेशानी झेलनी ही पड़ी। इससे मरीज भी अछूते नहीं रह पाए ।क्या इस बंद से सुप्रीम कोर्ट का अवमानना नहीं होता है ? बंद के दरम्यान स्थानीय पुलिस भी कहीं नहीं दिखाई पड़ी ।
कतरीसराय से खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यू ललित व आदर्श गोयल के खंड पीठ द्वारा दलित अत्याचार निवारण एक्ट के प्रावधान को हटाये जाने से आक्रशीत दलितों ने विरोध प्रदर्शन किया।
प्रखंड के दलित गोलबंद होकर दलित एकता मंच के बैनर तले विरोधी प्रदर्शन किया साथ ही राजद द्वारा भी बंद के समर्थन में दलित जत्था के साथ बाजार की दुकानें बन्द कराते हुए बजड़ाचक के समीप टायर जला कर सड़क जाम किया ।
सुप्रीम कोर्ट के इस से फैसला के विरोध में दलित एकता मंच का नेतृत्व दशरथ चौधरी विकास पासवान पप्पू पासवान भास्कर चौधरी जैसे कई लोगों ने सामूहिक रुप से कर रहे थे।
दलित नेताओं ने कहा कि सरकार व सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनवादी ताकतों के इशारे में दलित उत्पीड़न कानून को हटाया जा रहा है। जबकि आए दिन सामाजिक स्तर पर दलितों का उत्पीडन जारी है ।
शर्म की बात है केन्द्र सरकार अध्यादेश लाने के बजाय दलितों को गुमराह लिए अपील में जाने कि बात कर रहे है । सोची समझी चाल के तहत दलितों के लिए खतरनाक आदेश जारी किया है ।
इस मौके पर राजद अध्यक्ष दयानंद सिंह माले नेता रामधारी दास छोटे लाल पासवान कामेश्वर चौधरी विजय पासवान अनिल चौधरी विपिन रविदास रवि रंजन प्रतिमा कमला जैसे हजारों के संख्या में महिला पुरूष उपस्थित थे