एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। सत्तारुढ़ जनप्रतिनिधियों और सरकारी अफसरों के घालमेल से विकास के नाम पर सरकारी योजनाओं में सिर्फ लुट-खसोट मचाई जा रही है। इस क्रम में कार्य एजेसियों के लिये कायदे-कानून कोई मायने नहीं रखते।
खबर है कि नालंदा जिले के बेन प्रखंड के अकौना गांव में पंचायत सरकार भवन का निर्माण पूर्णतः फर्जीबाड़ा के तहत विधि विरुद्ध कराया जा रहा है।
वर्ष 2011 में दिनांक15/08/2011 की आम सभा के आलोक में अंकित प्लॉट नंबर भी मेल नहीं खाता है। आमसभा में प्लॉट नंबर-1415 अनुशंसा हुआ और अभी वर्तमान में प्लॉट नंबर -1418 पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
वह भी अतिक्रमित प्लॉट पर जिसपर 20-22 लोगों का पक्का मकान भी पहले से है। जबकि कानूनन अतिक्रमित भूमि पर पंचायत सरकार भवन का निर्माण से संबंधित अनुशंसा करना अपराध की श्रेणी में आता है।
फिर भी निर्माण हो रहा है, जबकि वर्ष 2015 में अंचलाधिकारी-बेन ने राज्य सूचना आयोग को सूचना का अधिकार के तहत वाद संख्या -96183/ 13-14 में अपने कार्यालय पत्रांक- 65 दिनांक- 23/01/2015 से जो सूचना दिया है, उसमें मुखिया एवं ग्राम सेवक का हस्ताक्षर मेल नहीं खाता और सब कुछ एक बड़ी धोखाधड़ी के साथ किया जा रहा है।
अब सबाल उठता है कि अवैध भूमि पर अवैध तरीके से अगर यह भवन बन भी गया तो सरकारी प्रावधनो के तहत वैध कैसे घोषित की जायेगी। आम जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये का दुरुपयोग को कैसे समेटा जायेगा।