पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। बिहार और यूपी के तीन लोकसभा उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार क्या हुई कि उसके सहयोगी दलों के सुर में अचानक बदलाव आने लगा।
आंध्र प्रदेश के सीएम ने विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने से नाराज जहाँ गठबंधन छोड़ दिया। लोजपा के सासंद चिराग पासवान भी कुछ घंटे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सामने परेशानी आने की बात कह एनडीए में खलबली मचा दी।
वही अब बिहार में उसकी सहयोगी जद यू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग फिर से उठा दी है। बिहार में एक बार फिर विशेष राज्य का जिन्न बाहर निकल आया है।
जदयू के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को भारतीय जनता पार्टी को गंभीरता से लेने की जरूरत है। अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता है तो हम हर तरह से संघर्ष करने को तैयार है।
सनद रहे कि लोकसभा चुनाव के पहले से ही सीएम नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा का मामला उठा चुके हैं। बिहार में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष राज्य की मांग करते रहें हैं।
लेकिन महागठबंधन से हटने और एनडीए के साथ जाने के बाद उन्होंने विशेष राज्य की मांग का राग अलापना बंद कर रखा था। इसी बीच प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव विशेष राज्य की मांग भूलने को लेकर सीएम पर हमले कर रहे थे।
तेजस्वी भाजपा से हाथ मिलाने के बाद बिहार के लिए विशेष राज्य की मांग भूलने का आरोप लगाते आएं हैं। शायद प्रतिपक्ष नेता को ही जवाब देने के लिए जदयू के के सी त्यागी को सामने आकर विशेष राज्य की मांग उठानी पड़ी।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने अपने एक चुनावी रैली में बिहार को विशेष पैकेज देने की घोषणा की थीं। लेकिन जब बिहार में बीजेपी की सरकार नहीं बनीं तो केन्द्र की बीजेपी सरकार भी बिहार को पैकेज देने की बात भूल गई।
अब जदयू और बीजेपी बिहार में साथ हैं। इसके बाद भी अभी तक बिहार को विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा देने की कोई सुगबुगाट नहीं देखी गई थीं। लेकिन के सी त्यागी के बयान के कई सियासी मायने लगाएँ जा रहें हैं।
आने वाले समय में विशेष राज्य के वादाखिलाफी को लेकर चर्चा और गरमाहट बढ़ने वाली है।