“जहाँ एक ओर नगरनौसा प्रखंड विकास पदाधिकारी ‘निर्मल नालन्दा”का ध्वज थामे चहुं ओर वाह- वाही लूटने में मशगुल हैं। वहीं उन्ही के ‘चिराग तले अँधेरा’ ‘थोथा चना बाजे घना’ वाली कहाव चरितार्थ करता महीनों पूर्व ओडीएफ घोषित नगरनौसा पंचायत का प्रखंड मुख्यालय की यह घिनौनी तस्वीर।“
एक्सपर्ट मिडिया न्यूज (नगरनौसा)। यह नजारा है महीनों पूर्व ओडीएफ घोषित नालंदा के पंचायत नगरनौसा के प्रखंड मुख्यालय नगरनौसा का,जहाँ कुछ पंचायत को ओडीएफ घोषित करने वाले प्रखंड मुख्यालय का हाल ही कुछ और बयां करता है। प्रखंड मुख्यालय के भीतर के अनेकों हिस्सें में पान की पिरकी,तम्बाकू का थूका हुआ अवशेष ही नजर आता है।
यत्र- तत्र गन्दगी की यह तस्वीर विशेष कुछ भी कहने को इजाजत नही देता है। लेकिन जो ओडीएफ घोषणा का ताल ठोक रहें हैं। उनकी मनोवृत्ति पर सवाल जरूर खड़ा करता है।
वहीं दूसरी ओर प्रखंड मुख्यालय के ठीक सामने बना महीनों पूर्व नव निर्मित शौचालय जो खास कर जनता के लिए निर्मित है। वह भी पूर्ण रूपेण नही बन पाया है। वहाँ आज तक ताला बंद है।
इस बात को ले निर्माण कर्ता से पूछने पर उन्होंने बताया कि जब तक राशि का भुगतान नही होगा, तब तक निर्माण पूरा नही होगा।
ऐसे में अनगिनत सवाल अपने आप खड़ा होता है। पंचायत में बिना पूर्ण शौचालय निर्माण के ओडीएफ घोषित कर वाह-वाही लूटा जा रहा? आखिर इस प्रकार का कार्य करा कर बीडीओ क्या संदेश देना चाहते हैं।