एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। यह तस्वीर है बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में नगरनौसा प्रखंड-पंचायत मुख्यालय स्थित प्राईमरी स्कूल, तकियापर की। तस्वीर से साफ है कि बच्चें-शिक्षक इतनी गंदगी और सड़ांध के के बीच पठन-पाठन के कार्य कैसे करते होगें।
यहां यह समस्या काफी लंबी अवधि से चली आ रही है। इससे सब वाकिफ हैं। वार्ड, मुखिया, विधायक से लेकर ग्राम सेवक, सीओ, बीडीओ तक। लेकिन किसी ने अब तक किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।
शायद इसलिये कि उपरोक्त जिम्मेवार लोगों में से किसी के भी घर-परिवार के बच्चें इस स्कूल में नहीं पढ़ते।
अगर पढ़ते तो शायद ऐसी नारकीयता देखने को नहीं मिलते।
शिक्षकों की भी अपनी विवशता है। उन्हें घर बैठे बिठाये वेतनादि से मतलब है या फिर नक्कारखाने की तूती के दौर में अखिर वे करे तो भी क्या।
शासन-प्रशासन औऱ सरकारें लोहिया स्वच्छ बिहार तो गांधी स्वच्छ भारत की ढिढोंरे पीटती है। सत्तरुढ़ शासन-दल से जुड़े लोग मीडिया में झाड़ू हाथ में लेकर खूब दांत निपोरे। लेकिन मूल समस्या जस की तस है।
इसी की जीती-जागता वानगी है बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में नगरनौसा प्रखंड-पंचायत मुख्यालय स्थित प्राईमरी स्कूल, तकियापर की वर्षों से बरकार नारकीय हालत।