एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (विनायक विजेता)। नीतीश कुमार और एनडीए से पिछले काफी दिनों से असंतुष्ट चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को नीतीश और उनकी सरकार द्वारा दिया गया बुलेट प्रुफ लग्जरी कार फार्यचूनर (BR01CF 0077) नीतीश और उनकी सरकार के लिए गले की हड्डी साबित हो सकता है।
उपलब्ध प्रमाणिक दस्तावेज में यह सनसनीखेज रहस्योद्घाटन हुआ है कि यह कार खतरे की आशंका से जूझने वाले पुलिस विभाग के वरीय अधिकारियों के लिए आई थी।
इस तरह की कई गाडियां कुछ दिन पूर्व क्रय की गईं थीं जिनमे कुछ गाड़ियां अभी भी बीएमपी-5 में लगी हैं। इसी बीच एनडीए की नई बनी सरकार में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी का रुझान लालू प्रसाद से हो गया।
अंदरुनी सूत्र बताते हैं कि कभी महादलित वोटो पर एकाधिकार मानने वाले नीतीश कुमार यह सोचकर घबरा गए कि कहीं मांझी लालू का दामन थाम उनके महादलित वोट का बैंक बिगाड़ न दें। इसलिए उन्हें पुलिस विभाग के वरीय और खतरों को झेलते अधिकारियों के लिए आई गाड़ियों में से एक को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को दान में दे दिया।
जबकि आईजी प्रावीजन के गजट या बजट में ऐसा कुछ प्रावधान नहीं है कि विभाग के अधिकारियों या राज्य के नागरिकों की सुरक्षा के हित के लिए मंगाई जाने वाली लग्जरी या अतिसुरक्षित वाहनों को किसी पर्व मुख्यमंत्री या राजनलेता को उपहार स्वरुप दे दी जाए। वह भी तब जब किसी पूर्व्र मुख्यमंत्री या राजनेता ने अपने उपर संभावित खतरे की आशंका के मद्देनजर किसी गाड़ी की लिखित मांग नहीं की हो।
नीतीश के इस कदम से उनके गठबंधन में शामिल भाजपा और लोजपा के नेता भी खुश नहीं हैं। शनिवार को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास पर मीडिया के साथ भाजपा नेताओं के हुए गेट टुगेदर मीट में अपरोक्ष और अंदरुनी रुप से यह बात साफ तौर पर झलकी।
सार यही था कि बिहार भाजपा के नेता उस भोज की कशक अभी तकबभूला नहीं सके हैं जब पहली बार भाजपा गठबंधन के साथ सरकार चलाने वाले नीतीश कुमार ने तब के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार और अब के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पटना में भोज पर आमंत्रित कर अचानक भोज रद्द कर मोदी सहित सारे भाजपाइयों की बेइज्जती कर दी थी।
भाजपा के कुछ नेता ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन में शामिल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बिना सलाह लिए कुछ ऐसा कार्य कर रहे हैं, जो उनके राजनीतिक भविष्य के लिए ठीक नहीं है।
इधर कुछ समाजसेवी मंगलवार को पटना हाइकोर्ट में इस मामले को लेकर एक रीट दाखिल करने वाले हैं कि आखिर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को पुलिस विभाग के लिए लाई गई गाड़ियों में से एक मंहंगी, लग्जरी और बुलेट प्रुफ गाड़ी किस आधार पर मुहैया कराया गया और कराया गया भी तो गाड़ी के रखरखाव के लिए उनके सामने क्या लिखित शर्तें रखी गईं।