एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (मुकेश भारतीय)। नालंदा जिले के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के वार्ड-9 में एक गरीब महादलित परिवार की नाबालिग बिटिया के साथ बेरहमी से बलात्कार हुआ है। इस मामले को पूरा नालंदा पुलिस महकमा दबाने में लगी है, सिर्फ इस सनक में कि गंभीर अपराधों का ग्राफ नीचे रखा जाये।
जब इस मामले को लेकर नालंदा एसपी सुधीर पोरिका से ताजा जानकारी चाही तो उन्होंने राजगीर डीएसपी से बात कर डिटेल ले लेने की बात कही।
इसके बाद जब राजगीर डीएसपी से बात की तो उन्होंने कहा कि पीड़िता के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया है। पीड़िता ने सिर्फ हाथ पकड़ने की शिकायत की है।
जब राजगीर डीएसपी से दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर और एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के पास उपलब्ध साक्ष्यों के आलोक में राजगीर थाना पुलिस द्वारा पीड़िता की मां को तरह-तरह की धमकियों से डरा कर रेप के बजाय छेड़खानी का केस करने का सबाल किया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पुलिस के सामने पीड़िता ने जो कहा, उस आधार पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इतना कह उन्होंने मोबाईल काट दिया।
यहां पर बता दें कि राजगीर थाना प्रभारी और राजगीर डीएसपी के बीच 63 का रिश्ता है। ऐसे में थाना प्रभारी के खिलाफ उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं किया जा सकता।
इसके पहले बिहार शरीफ महिला थाना के मोबाईल नंबर पर बात की गई। उस पर नगर डीएसपी निशित प्रिया से बात हुई। उन्होंने बताया कि महिला थाना डीएसपी हेड क्वार्टर के मातहत है। उनसे बात कीजिये।
इसके बाद डीएसपी इमरान परवेज से बात हुई। उन्हें मामले की जानकारी दी ही जा रही थी कि उनसे संपर्क विच्छेद हो गया और फिर उनका मोबाई आउट ऑफ रेंज बताने लगा।
कहती हैं पीड़िता की मां….
वार्ड नंबर-9 निवासी पीड़िता की मां के अनुसार उसकी 13 वर्षीया पुत्री शाम करीब चार बजे खेत में साग तोड़ने गई थी। जहां से वह घंटों बाद लौटी।
रोते हुए पुत्री ने बताया कि एक अधेड़ ने उसके साथ खेत में कुकृत्य किया और मोबाईल से वीडियो भी बना लिया। बच्ची की हालत ठीक नहीं थी। उसका इलाज निजी क्लीनिक में कराया।
पीड़िता की मां के अनुसार शाम में जब वह पुत्री को लेकर मामला दर्ज कराने थाना गई तो पुलिस ने उसे बुरी तरह डरा दिया। थाना प्रभारी की उपस्थिति में एक महिला पुलिस पदाधिकारी द्वारा बार-बार यह कहा गया कि दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने पर किशोरी का सुबह मेडिकल टेस्ट होगा। किशोरी को रात भर थाना में छोड़ना होगा। मेडिकल टेस्ट के दौरान चिकित्सक अनेक तरह के टेस्ट करेगा। ….में हाथ डालेगा। मशीन डालेगा। …में लोहे का नट-वोल्ट डालेगा आदि आदि। इस टेस्ट के बाद पीड़ित बच्ची को भविष्य में बच्चा भी नहीं होगा। इससे बदनामी भी होगी। शादी में भी दिक्कत आएगी।
बताती हैं वार्ड-9 की पार्षद रुकमीनी देवी……
पीड़िता के साथ थाना गई वार्ड-9 की पार्षद रुकमीनी देवी बड़ी रुआंसी होकर पुलिस द्वारा थाने में पीडिता व उसके परिजन को दी गई धमकी की कहानी बताती हैं।
वार्ड पार्षद बताती हैं कि बलात्कार के बाद पीड़िता की हालत काफी नाजूक थी। काफी ब्लीडिंग हो रही थी। वह सही से चल भी नहीं पा रही थी। किसी तरह कपड़ा बदल कर उसका एक प्रायवेट डॉक्टर से ईलाज करवाई गई। उसके बाद थाना ले जाया गया।
बकौल वार्ड पार्षद, उन्होंने थाना पहुंचने के पहले थाना प्रभारी से बात की थी। लेकिन वहां थाना प्रभारी बदले तेवर में नजर आये। उन्होंने थाना के एक महिला पुलिस अफसर को पीड़िता और उसके परिजन को उल्टे धमकाने में लगा दिया। इस पर वह महिला पुलिस अफसर से बोली भी कि “अगर आपकी बेटी होती तो इस दर्दनाक हादसे पर ऐसा ही करते”। इस पर महिला पुलिस अफसर निरुत्तर थी। बाद में जब धमकियों के आगे पीड़िता के परिजन मामूली छेड़खानी का केस करने पर राजी हो गये तो वार्ड पार्षद वापस लौट आई।
बड़ा वहशी है यह अधेड़ बतात्कारी, वीडियो क्लीप भी बनाया
एक मासूम नाबालिग के साथ बहशियाना हरकत करने वाला वार्ड नंबर- 9 के उसी गांव का रहने वाला 4 बच्चों का अधेड़ बाप है। बलात्कार करने के बाद उसने मोबाईल से वीडियो भी बना रखा है। उसने पीड़िता को मुंह खोलने पर उसके परिजनों, गांव समाज के बीच वायरल करने की धमकी दी थी। पुलिस को सूचना के बाद वह फरार है।
ग्रामीणों के अनुसार वह वहशी पहले भी ऐसे कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। चूकि पीड़िता की गंभीर हालत को गांव वालों ने खुली आंखो से देखा है, इसलिये उच्चस्तरीय जांच के दौरान प्रायः मुंह खोलने को तैयार हैं। गांव वालों को राजगीर पुलिस पर से विश्वास उठ गया है। क्योंकि यह उल्टी कार्रवाई करने में माहिर है।