“पीड़ित किसानों ने राज्य सरकार से उचित मुआवजा देने का मांग किया है। ताकि कृषको को राहत मिल सके।”
इस्लामपुर (राम कुमार) । नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड मगही पानी की खेती के लिये शुमार है। लेकिन इस बार दर्जन भर गांवों में मगही पान उपजाने वाले किसानों को इस कडाके की ठंड ने कमर तोड़ कर रख दी है।
मगही पान कृषक कल्याण संस्थान के अध्यझ लक्ष्मी चंद चौरसिया, श्रवण कुमार, बीएन चौरसिया, सुधीर प्रसाद, जितेंद्र प्रसाद, मनोज कुमार, सरयु , प्रमोद, पप्पु, सिकंदर, अनुप, मुन्ना आदि ने बताया कि इस प्रखंड के लगभग एक दर्जन गांवो के चार सौ बिगहा जमीन पर मगही पान की फसल किसानो द्धारा उपजाई जाती है। जिसमें वौरीसराय, वौरीडीह, वौरी छ आना, वौरी दुर्गा स्थान, दलन विगहा, मदुद, डौरा, इमादपुर, कोचरा, वैरा, अर्जुन सेरथुआ आदि गांव शामिल है।
लेकिन इस कडाके की ठंड कारण मगही पान का भारी नुकसान हुआ है। पान की पतों में गलकी बीमारी पकड़ लिया है। जिसके वजह से पान की पता पीला होकर पता मे काला धव्वा होना, पान की जड को सुखना आदि रोग से लगभग दस लाख रुपये से उपर की पान की खेती का सीधा नुकसान हुआ है।
इस कारण किसानों की माली हालत खराब हो गया है। कुछ लोग माली हालत खराब होता देख इस धंधे को छोडकर अपने परिवारो को भरण पोषण करने के लिए रोजी रोजगार के लिए वाहर पलायन कर गये है। जिसमें वौरीसराय गांव के अमीतेश कुमार, संजीत कुमार, आदि शामिल है।
इस्लामपुर मगही पान अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक प्रभात कुमार ने बताया कि इस समय किसानो को कार्वेंडाजीम और मेनकोजीव नामक दवा का एक लीटर पानी मे घोल बनाकर पान की फसल मे छिडकाव करने से पान कृषको राहत मिल सकता है।
बता दें कि यहा का मगही पान बनारस, दिल्ली, गया, समेत समूचे देश में मशहुर है। लखनउ के नबाव बड़े शौख से यहीं से मगही पान को मंगवाकर सेवन करते थे और मुह मांगा पैसा देते थे।
इसलामपुर मगही पान अनुसंधन केंद्र के द्धारा समय समय पर पान कृषको को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। ताकि पान कृषक खुशहाल वन सके। लेकिन प्रकृति के सामने पान कृषक बेहाल हो रहे है। पूजा की थाल में काम आने वाली पान की खराब हालत देख किसानों के बीच मायुसी छाई है।