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    Saturday, November 23, 2024
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      प्रेस क्लब रांची की नई टीम पर अतीत से सीख भविष्य संवारने की बड़ी जिम्मेवारी

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज /मुकेश भारतीय।  आज हम न किसी अखबार का नाम लेगें और न ही किसी पत्रकार का। चाहे वो छोटे-बड़े किसी भी हाउस के मठाधीश हों या संघर्षरत आम मीडियाकर्मी। चुनाव-चुनाव होता है। जो जीता वही सिकंदर। हारने वाले भी कमतर नहीं कहे जा सकते। क्योंकि हर हार के आगे-पीछे दोनों ओर जीत होता है। जबकि जीत के सिर्फ आगे जीत-हार होती है।

      ranchi press club election 1वेशक कथित रांची प्रेस क्लब, द रांची प्रेस क्लब कहिये या फिर लहराते आलीशान भवन के शीर्ष पर चमकते प्रेस क्लब,रांची। कहां क्या घाल-मेल है, यह अलग बात है। पत्रकार बुद्धिजीवी वर्ग कहलाते हैं। वुद्धिजीवियों का खेला बुद्धिजीवी ही अधिक समझते हैं। मुझ जैसे निरा मूर्ख नहीं, जैसा कि मीडिया के छद्म मठाधीश समझते हैं।

      हां, लेकिन एक बात है। जिस प्रेस क्लब की बात हो रही है, उसकी नींव काफी कमजोर रही है। चुनाव बाद जो नई टीम निर्वाचित होकर सामने आई है, उस पर बड़ी जिम्मेवारी है कि एक मजबूत और बुलंद ईमारत कैसे खड़ी करें। उम्मीद औऱ विश्वास किया जा सकता है कि वे पूर्व की भांति किसी से निजी खुन्नस नहीं निकालेगें औऱ की गई गलतियों-लापरवाहियों का सुधार कर इतिहास बनने के बजाय एक नया इतिहास रचेगें।

      उन्हें खुद की नियमावली के विरुद्ध आचरण प्रदर्शित करने से बचना होगा। जैसा कि संस्था की सदस्यता प्रदान करने वाली कमिटि ने किया।

      अब प्रेस क्लब,रांची के नव निर्वाचित पदाधिकारियों व सदस्यों की जिम्मेवारी बनती है कि उस मैटर को कैसे हैंडल करते हैं, जहां एक ओर भारी तादात में फर्जी सदस्य बना दिये गये, वहीं अनेकोंनेक योग्य पत्रकारों को सबने मिल कर हाशिये पर धकेलने का कुचक्र चलाया । इसमें तदर्थ सदस्यता अभियान कमिटि के पदाधिकारी या सदस्य रहे सारे लोग समान रुप से शामिल हैं।  

      RANCHI PRESS CLUB 11इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि प्रेस क्लब, रांची भवन बनने के पहले प्रायः पत्रकारों को यह मालूम नहीं था कि यहां कोई निबंधित प्रेस क्लब भी है। हालांकि कैसे भी हो, रांची की मीडिया के कुछ चुनिंदा लोगों ने वर्ष 2009 में पहल कर अपनी दिशा तय कर ली थी।

      तत्कालीन गवर्नर के. शंकरनारायणन व उनकी पत्नी राधा शंकरनारायणन ने 22 अक्तूबर, 2009 को कथित प्रेस क्लब, रांची के अध्यक्ष बलवीर दत्त व सचिव विजय पाठक को करमटोली स्थित केसरी हिंद की 31 डिसमिल जमीन के कागजात सौंपी थी।

      RANCHI PRESS CLUB 111 उसी दिन यानि 22 अक्टूबर, 2009 को ही श्री दत्त और श्री पाठक के नाम द रांची प्रेस क्लब के नाम संस्था का निबंधन हुआ था। हालांकि उक्त पत्रकार द्वय ने रांची प्रेस क्लब नामक संस्था का निबंधन संबधित आवेदन दिया था। जिसे आवश्यक कागजाग के अभाव में निबंधित नहीं किया गया और जरुरी दस्तावेज की मांग की गई। बाद में आधे-अधूरे दस्तावेज उपलब्ध कराये गये।

      उसी आधार पर पुरानी तिथि से अवर निबंधक द्वारा द रांची प्रेस क्लब के नाम से कुछ निर्देशों के साथ निबंधन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। वे निर्देश 3 दिनों के भीतर पालन करना था। लेकिन कथित संस्था के लोगों ने उसका कभी पालन नहीं किया।

      RANCHI PRESS CLUB 11 1झारखंड सूचना एवं जन संपर्क विभाग के तात्कालीन सचिव सुधीर त्रिपाठी 23 अक्टूबर, 2009 को सूचना भवन का उद्घाटन एवं प्रेस क्लब, रांची  का शिलान्याश समारोह का निमंत्रण पत्र रांची एक्सप्रेस के तात्कालीन प्रधान संपादक बलबीर दत्त को भेजी थी।

      उधर उसी दिन यानि 23 अक्टूबर, 2009 को हीं प्रेस क्लब, रांची के सचिव विजय पाठक और अध्यक्ष बलबीर दत्त के निवेदन में लोगों को बीच एक अलग आमंत्रण पत्र बांटी गई, उसमें उल्लेख है कि महामहिम राज्यपाल झारखंड श्री के. शंकरनारायणन द्वारा दिनांक 23.10.2009 को पूर्वाह्न 11 बजे प्रेस क्लब, रांची का शिलान्याश आईएमए के बगल में बूटी रोड में किया जाना सुनिश्चित हुआ है।

      RANCHI PRESS CLUB1उक्त समारोह में विशिष्ठ अतिथि श्री सुबोधकांत सहाय, माननीय केन्द्रीय मंत्री, भारत सरकार एवं श्री विल्फ्रेंड लकड़ा, महामहिम राज्यपाल के सलाहकार उपस्थित रहेगें।

      तय कार्यक्रम के अनुसार तात्कालीन महामहिम राज्यपाल के कर कमलों द्वारा प्रेस क्लब, रांची भवन की नींव रखी गई। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने पत्रकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये प्रेस क्लब भवन निर्माण के लिये 25 लाख रुपये देने की घोषणा की।

      इसके बाद सब कुछ ठंढा पड़ गया। सांसद महोदय ने 25 लाख का फंड दिया या नहीं। और अगर दिया तो फिर उस फंड का क्या हुआ। सब कुछ पर पर्दा पड़ा ही था कि पुनः 05 दिसबंर, 2015 को पूर्वाहन 11 बजे भूमि पूजन और प्रेस क्लब के कार्यारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

      RANCHI PRESS CLUB 11111सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के निवेदन से समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन हुई। उस विज्ञापन में उल्लेख किया गया कि माननीय मुख्यमंत्री रघुबर दास के कर कमलों द्वारा विशिष्ठ अतिथि नगर विकास मंत्री सीपी सिंह एवं माननीय सासद रामटहल चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति में स्थान-आईएमए हॉल के निकट, करमटोली चौक, रांची में 05 दिसबंर,2015 को भूमि पूजन और प्रेस क्लब के कार्यारंभ कार्यक्रम में सादर आमंत्रित है।

      सबाल उठता है कि वर्ष 2009 में आनन फानन में कथित प्रेस क्लब संस्था का निबंधन कराने के साथ तात्कालीन सांसद व केन्द्रीय मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में महामहिम राज्यपाल से शिलान्यास कराया गया था। उसके बाद वर्ष 2015 में ऐसी कौन सी असमान्य परिस्थितियां आन पड़ी कि वर्तमान सीएम द्वारा पुनः उसी कार्य को दोहराया गया।RANCHI PRESS CLUB 1111

      हालांकि, वर्ष 2017 अंत तक शुरुआती लागत 6.4 करोड़ की लागत से प्रेस क्लब, रांची का आलीशान भवन बन कर लगभग तैयार है। इसका उद्घाटन सीएम द्वारा हो चुका है।  लेकिन इसे अभी विधिवत तौर पर दावेदार प्रेस कमिटि को नहीं सौपा गया है।

      कहा जा रहा है कि नव निर्वाचित कमिटि को जनवरी माह में सौंपी जायेगी। अभी इस प्रेस क्लब भवन में काफी काम बाकी है और निर्माण कार्य में जुटी बिल्डर एजेंसी का भी  अभी बड़ी रकम का भुगतान लेना है। ऐसे में आगे क्या होगा और सच्चाई क्या है, राम जाने।ranchi press club election 2

      बहरहाल, कोई भी किसी से उम्मीद कर सकता है। अब देखना है कि प्रेस क्लब के नव निर्वाचित पदाधिकारी व सदस्य गण आम पत्रकारों की आकांक्षाओं पर कितने खरे उतरते हैं। क्योंकि अब तक रांची की मीडिया में कर्मियों के साथ जिस तरह के शोषण, दमन, उत्पीड़न जैसे कुकृत्य होते रहे हैं, उसी का नतीजा है कि पत्रकारों खास युवा वर्ग सबको आयना दिखा दिया। इससे सबको सबक लेने की जरुरत है। न कि किसी को अंदर चीढ़ पालने की।   

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