“नैतिकता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले के शिक्षकों की तुलना में आज के शिक्षकों के नैतिकता में भारी गिरावट आई है। वह शराब पी कर स्कूल जाते हैं। स्कूल में बच्चों के सामने खैनी खाते – सिगरेट पीते हैं। यह न शिक्षण संस्थान के लिए अच्छा है और न छात्रों के लिए । आज जरूरत है शिक्षक अपने चरित्र के साथ – साथ स्वयं के अध्ययन को भी गुणवतापूर्ण बनाएं। शिक्षक गुणवान होंगे तभी छात्र भी गुणवान होंगे ।”
नालंदा (राम विलास)। ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि शिक्षक समाज के प्रमुख अंग हैं । वे केवल छात्रों का भविष्य ही निर्माण नहीं करते बल्कि राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । शैक्षणिक उत्थान और समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आगे बढे।
महाबोधि महाविद्यालय ( बीएड) नालंदा में बीएड और प्राइमरी टीचर ट्रेनिंग के शैक्षणिक 17-19 का शुभारंभ करते हुए सोमवार को उन्होंने यह कहा।
उन्होंने कहा कि जीवन में जितना शिक्षा आवश्यक है, उतना ही स्वच्छता। शिक्षा केवल डिग्री के लिए नहीं बल्कि मेरीट के लिए होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत रिजल्ट देने वाला यह महाविद्यालय है । उन्होंने केवल डिग्री के लिए नामांकन कराने और परीक्षा फार्म भरने वाले छात्रों को आगाह करते हुए कहा आप मेहनत करेंगे तभी ज्ञान बढ़ेगा। रेगुलर कालेज आने वाले छात्रों को पांच हजार छात्रवृत्ति देने का उन्होंने ऐलान किया।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि फेल होने वाले छात्रों से छात्रवृत्ति की राशि वापस लेने का भी प्रावधान तय किया जाएगा ।
श्रवण कुमार ने कहा कि आज छात्रों को अत्याधुनिक सुविधाएं स्कूल और कॉलेजों में मिल रही है। इसके बावजूद छात्रों में मेरिट का घोर अभाव होते जा रहा है । पहले बोरी बिछाकर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र आज सरकार में मंत्री बन रहे हैं। इसके वे स्वयं उदाहरण हैं ।
उन्होंने कहा अच्छे शिक्षक के लिए अच्छा अध्ययन जरूरी है । शिक्षकों और प्रशिक्षु शिक्षकों को बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, डॉ राम मनोहर लोहिया, जननायक कर्पूरी ठाकुर की जीवनी व आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए । कॉलेज की समस्या का निदान का आश्वासन देतेहुए उन्होंने कहा शिक्षक बेहतर होंगे तभी शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर होगी।
प्रशिक्षु शिक्षकों से कहा आप मेहनत कर अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे तो केवल इस संस्थान का ही नहीं, बल्कि बिहार का नाम ऊंचा होगा। इस महाविद्यालय में हर क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है। मामला खेलकूद, कला, संस्कृति, शैक्षणिक या सामाजिक सरोकार की बातें हो।
मंत्री ने कहा कि जिस लोग ज्ञान के प्रति लोग जिज्ञासु हैं उसी तरह से स्वच्छता के क्षेत्र में भी लोगों को जिज्ञासु बनना चाहिए। व्याप्त गंदगी के कारण नाना प्रकार की बीमारियां फैल रही है। हर साल 10 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं। प्रदूषण के कारण 25 लाख लोगों की देश में मौत हुई है। इसीलिए जीवन में स्वछता लाना जरूरी।
उन्होंने कहा गंदगी और प्रदूषण के कारण ही आदमी बीमार पड़ता है ।उसके आमदनी का बड़ा हिस्सा बीमारी के इलाज में चला जाता है । उन्होंने कहा कि समाज में दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए और समाज में नयापन लाने के लिए शिक्षकों और समाज के प्रबुद्ध लोगों को आगे बढ़ना होगा ।
सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने एलान करते हुये कहा कि कि अपने संसदीय कोष से इस बीएड महाविद्यालय को एक एंबुलेंस उपलब्ध कराएंगे।
शिक्षक और प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा शिक्षा जीवन के लिए उतना ही जरूरी है, जितना रोटी, कपड़ा और मकान की तरह जरूरी है। शिक्षा के बिना जिंदगी एक कदम आगे नहीं बढ़ सकती है । सरकार ने निर्णय लिया है कि स्कूल सरकारी हो या प्राइवेट प्रशिक्षित शिक्षक ही वहां पढायेगे । तभी छात्र गुणवान होंगे और उनका भविष्य उज्जवल होगा।
उन्होंने कहा प्रशिक्षु शिक्षक बीएड कर केवल शिक्षक ही नहीं बने बल्कि समाज सुधारक भी बने।
चाइनीज बुद्धिस्ट टेंपल के मुख्य बौद्ध भिक्षु डॉक्टर यूपन्यालिंकारा ने कहा कि शिक्षा की हालत अच्छी नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा में गिरावट हो रही है।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में ऐसे भी शिक्षक पदस्थापित हैं जिन्हें जोड़, घटाव, गुणा, भाग तक नहीं आता है। जिस शिक्षक को यह साधारण चीजें नहीं आती है। वह छात्रों को क्या पढ़ा सकेंगा।
महाबोधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि महाविद्यालय में निरंतर गुणवत्ता को समृद्ध किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समाज की मांग है । आज शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित रह गई है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री के लिए नहीं बल्कि काबिलियत के लिए होनी चाहिए। जब तक मेरीट नहीं होगी तब तक शिक्षा के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकेगी। इसीलिए हर अध्यापक और छात्रों को अपने -अपने विषय पर अच्छी पकड़ बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा सफल शिक्षक ही बेहतर समाज और देश का निर्माण करा सकते हैं। शिक्षक कारीगर की तरह होते हैं । शिक्षकों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए छात्रों को अध्ययन की ओर आकर्षित करने का उपाय करना होगा। तभी उनकी विद्वता सार्थक होगी ।
समारोह का उद्घाटन बौद्ध भिक्षु डॉक्टर यू पन्यालिकारा और मंत्री श्रवन कुमार ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया।
कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गीत गाकर आगत अतिथियों का स्वागत किया।निष्ठा नंदनी समेत सभी शिक्षकों, मेधावी छात्र -छात्राओं को बैग व अंगवस्त्र देकर कृत्य किया गया।
इस अवसर पर नवागंतुक प्रशिक्षु शिक्षक, पूर्ववर्ती छात्र शिक्षक, जगलाल चौधरी, कई पंचायतों के मुखिया एवं अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे। समारोह को रघुनंदन टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, दानापुर के प्राचार्य डॉ कमला प्रसाद बौद्ध, दीपक शर्मा एवं अन्य ने संबोधित किया।