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    Sunday, November 24, 2024
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      NIA ने रमेश सिंह मुंडा हत्या कांड में ASI के साथ पूर्व मंत्री राजा पीटर को भी दबोचा

      रांची (संवाददाता)। तमाड़ के विधायक व बिहार सरकार में मंत्री रहे रमेश सिंह मुंडा हत्या कांड की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) ने पूर्व मंत्री राजा पीटर को गिरफ्तार कर लिया है। राजा पीटर की गिरफ्तारी आठ अक्टूबर की देर रात हुई है।

      10 अक्टूबर को एनआइए उसे कोर्ट में पेश कर सकती है। जांच में एनआइए को सहयोग कर रही राज्य पुलिस के एक सीनियर अफसर ने राजा पीटर की गिरफ्तारी की पुष्टि आफ द रिकार्ड की है।

      इससे पहले एनआइए ने आठ अक्टूबर को इस हत्याकांड में शामिल होने के आरोप में झारखंड पुलिस के एएसआई शेषनाथ सिंह को गिरफ्तार किया था। एनआइए ने उसे कोर्ट में पेश कर 15 अक्टूबर तक के लिए रिमांड पर लिया है।

      शेषनाथ सिंह अभी धनबाद के भौरा थाना में पदस्थापित था, जबकि रमेश सिंह मुंडा की हत्या के दौरान वह उनके साथ अंगरक्षक के रुप में प्रतिनियुक्त था। हालांकि रमेश सिंह मुंडा की हत्या के दिन वह उनके साथ कार्यक्रम में नहीं गया था।  जहां पर नक्सलियों ने अंधाधुन फायरिंग कर रमेश सिंह मुंडा की हत्या कर दी थी। घटना के बाद वह प्रोन्नति पाकर एएसआइ बना था।

      रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद चुनाव जीत कर मंत्री बने थे राजा पीटर

      रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद तमाड़ विधानसभा का उप चुनाव हुआ था। तब राजा पीटर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था। उसने झामुमो के सूप्रीमो शिबू सोरेन को मात दी थी। कुछ दिन बाद राज्य में बनी सरकार में राजा पीटर को मंत्री बनाया गया था।

      नौ जुलाई 2008 को हुई थी हत्या

      RAJA MUNDAतमाड़ विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या नौ जुलाई 2008 को नक्सलियों ने कर दी थी। नक्सलियों ने उनके दो अंगरक्षक और एक छात्र को भी गोलियों से भून डाला था। हत्या का आरोप तब के नक्सली जोनल कमांडर कुंदन पाहन व उसके दस्ते पर लगा था।

      14 मई 2017 को कुंदन पाहन ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। कुंदन पाहन को हीरो की तरह पेश करने के विरोध में और रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर उनके बेटे व तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा ने अनशन कर धरना दिया था। सरकार द्वारा उच्चस्तरीय जांच के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया था। जिसके बाद विकास मुंडा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर मामले की सीबीआइ या एनआइए से जांच कराने का आग्रह किया था।

      गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआइए ने छह जून 2017 से मामले की जांच शुरु की थी। इससे पहले मामले की जांच सीआइडी कर रही थी। इस मामले में भाकपा माओवादी के पूर्व जोनल कमांडर कुंदन पाहन समेत कई नक्सली आरोपी है।

      स्कूल में आयोजित  कार्यक्रम में भाग लेने गये थे मुंडा

      रमेश सिंह मुंडा की हत्या जिस वक्त की गयी थी, उस वक्त वह बुंडू थाना से डेढ़ किमी दूर स्थित एसएस हाई स्कूल में आयोजित समारोह में भाग लेने गये थे। स्कूल सभागार में छात्रों को पुरस्कार देने और शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद जब वह छात्रों को संबोधित कर रहे थे, तभी कुंदन पाहन के नेतृत्व में नक्सली दस्ता वहां पहुंचा और अंधाधुन फायरिंग कर दी। जिसमें रमेश सिंह मुंडा, उनके दोनों अंगरक्षक और एक छात्र की मौत हो गयी। नक्सली ट्रेकर से आये थे। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली रमेश सिंह मुंडा के अंगरक्षकों का कारबाईन लूट ले गये थे।

      जमादार शेषनाथ सिंह निलंबित, 15 तक रिमांड पर

      सरकार को धनबाद के भौंरा ओपी में पदस्थापित जमादार शेषनाथ सिंह खरवार को निलंबित कर दिया है। एनआइए के अधिकारियों के अनुसार, घटना के समय वह विधायक रमेश सिंह मुंडा की सुरक्षा में तैनात था। उसने रमेश सिंह मुंडा की गतिविधियों की जानकारी नक्सलियों को दी थी। इसके बाद नक्सलियों ने रमेश सिंह मुंडा की हत्या की थी। गिरफ्तारी के बाद शेषनाथ को एनआइए ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 15 अक्तूबर तक रिमांड पर भेज दिया गया। बताया जाता है कि एनआइए के अधिकारियों ने उसे पूछताछ के लिए शनिवार को बुलाया था। पूछताछ के बाद उसे उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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