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सरायकेला: डीलर अधीर मंडल के खेल में फंसता जन वितरण प्रणाली

सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।म्हरिया क्षेत्र में संचालित जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि डीलर अधीर मंडल द्वारा संचालित सहारा एसएस दुकान और जविप्र। अधीर मंडल दोनों एक ही परिवार तक सीमित हैं और नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।

जानकारी के अनुसार सहारा एसएस महिला समूह अधीर मंडल के घर से ही संचालित की जा रही हैं। घर उनकी पत्नी शकुंतला देवी के नाम से है। शकुंतला देवी आंगनबाड़ी सेविका भी हैं और केंद्र उनके घर से ही संचालित होता है जिसका समाज कल्याण विभाग से हर माह किराया लेती है। जो नियमतः गलत है।

सहारा एसएस दुकान की समिति में अधीर मंडल की पत्नी शकुन्तला देवी भी शामिल हैं, जो स्वयं आंगनबाड़ी सेविका भी हैं, अधीर मंडल की पुत्रवधू बबिता देवी भी समिति से जुड़ी हुई हैं। इस तरह पूरी समिति एक ही परिवार के नियंत्रण में बताई जा रही है, जो नियमों के विरुद्ध है।

आरोप है कि दोनों दुकानों द्वारा नवंबर माह का राशन कार्डधारियों को वितरण नहीं किया गया। दिसंबर माह के लिए उठाए गए खाद्यान्न से ही नवंबर और दिसंबर दोनों माह का राशन वितरित किया गया, जबकि नियम के अनुसार नवंबर माह का राशन वितरण 7 दिसंबर तक ही किया जाना था।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दिसंबर माह के खाद्यान्न से दो माह का वितरण कैसे किया गया। वर्तमान में दोनों दुकानों में खाद्यान्न की मात्रा शून्य बताई जा रही है, जिससे कालाबाजारी की आशंका और गहराई है।

इसके अलावा दुकान में भंडार पंजी का संधारण नहीं किए जाने और स्टॉक शून्य पाए जाने का भी आरोप है। सहारा एसएस दुकान के संचालन को लेकर भी नियम उल्लंघन की बात सामने आई है, जहां दुकान को आवास बोर्ड के आवासीय मकान में संचालित किया जा रहा है, जो व्यावसायिक उपयोग की श्रेणी में आता है और नियमों के खिलाफ है।

इतना ही नहीं शकुन्तला देवी के मकान के बगल की भूमि, जो बागवानी और किचन उपयोग के लिए आवंटित थी, उसे भी व्यावसायिक उपयोग में लाने का आरोप लगाया गया है। इसे लेकर आवास बोर्ड में शिकायत कर आवंटन रद्द कराने की बात कही जा रही है।

आरोपों में यह भी शामिल है कि जन वितरण प्रणाली दुकान के आसपास 500 मीटर की परिधि में आटा चक्की का संचालन नहीं होना चाहिए, जबकि यहां खुद दुकानदार द्वारा चक्की चलाई जा रही है, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है। मामले को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों से जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। साथ ही दोनों दुकानों का आवंटन रद्द करने की मांग की गई है।

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