पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। भूमि सर्वे में रैयतों के अधिकारों को लेकर अब एक नया प्रावधान लागू किया गया है। इससे भूमि सर्वे का काम (Government records) अधिक तार्किक, प्रामाणिक और त्रुटिहीन बन सकेगा। इसके तहत अब भूमि सर्वे के दौरान रैयतों के अधिकारों को 14 कॉलम में दर्ज किया जाएगा। यह नया कदम खेसरा पंजी बनाने में सहायक होगा और इसके आधार पर अंतिम अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाल ही में बंदोबस्त पदाधिकारियों की बैठक में इस नए दिशा-निर्देश की जानकारी दी। इसके तहत भूमि के स्वामित्व संबंधी जानकारी जुटाने के लिए कई स्रोतों का इस्तेमाल किया जाएगा। जिनमें हवाई एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष सर्वेक्षण मैप, ऑनलाइन जमाबंदी पंजी और अमीन द्वारा एकत्रित भौतिक विवरणी शामिल होंगे।
नये प्रावधान में 14 कॉलम के विवरणी में हर खेसरा से संबंधित सभी जानकारी जैसे खेसरा नंबर, जमाबंदी संख्या, दखलकार का नाम, खतियानी रैयत और जमाबंदी रैयत का संबंध आदि दर्ज किया जाएगा। अमीन गांव में जाकर वर्तमान दखलकार, खतियानी रैयत और जमाबंदीदार के बीच संबंध और भूमि पर दखल का आधार इत्यादि की जानकारी इकट्ठा करेंगे।
इस प्रक्रिया से जहां एक ओर गलतियों की संभावना कम होगी। वहीं दूसरी ओर प्रक्रिया भी ज्यादा तेज और प्रामाणिक होगी। इससे भूमि के अधिकारों को लेकर विवादों की स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है। क्योंकि अब सभी सूचनाएं तकनीक के जरिए एकत्रित की जाएंगी और अमीन के पास मोबाइल पर यह सारी जानकारी उपलब्ध रहेगी।
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