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    Sunday, November 24, 2024
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      क्या इन बड़ी गिरफ्तारियां के बाद बेलाऊर में होगी शांति!

      बूटन और रंजीत के गैंगवार में अबतक मारे गए दर्जनों लोग, भोजपुर के इसी गांव से हुई थी प्रतिबंधित रणवीर सेना की उत्पत्ति, आरा जेल में हो सकती है बूटन और रंजीत के बीच खूनी जंग “

      पटना से वरिष्ठ पत्रकार विनायक विजेता की रिपोर्ट…

      5 मार्च 2016 को सबसे पहले कुख्यात बूटन चौधरी सहित पांच अन्य की बेलाऊर गांव से एक एके-47 सहित अन्य हथियार के साथ गिरफ्तारी, जुलाई 2016 में बूटन के प्रतिद्वंदी हरेराम चाौधरी की गिरफ्तारी, बीते वर्ष 21 अक्टूबर को बूटन चौधरी के भतीजे दीपू चौधरी और सोनू चौधरी की हथियार के साथ गिरफ्तारी और अब चार दिन पूर्व इसी गांव का निवासी कुख्यात रंजीत चौधरी की किमती हथियार के साथ गिरफ्तारी के बावजूद यह सवाल उठ रहा है कि आपसी गैंगवार में बेलाऊर गांव में अबनतक दर्जनों लाशों गिराने वाले इन शातिर हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद भी क्या बेलाऊर में शांति लौट सकेगी।

      भोजपुर जिले में आरा- सहार पथ पर स्थित है भूमिहार जाति की एक बड़ी आबादी वाला गांव बेलाऊर। इस गांव की आबादी का पता इसी से लगाया जा सकता है कि यह गांव ही एक पंचायत है और इस गांव में चंनाव के समय 10 मतदान केन्द्र बनाए जाते रहे हैं।

      BELAUR GANWAR 21995 के पूर्व तक तक इस गांव को यहां स्थापित एक विशाल और भव्य सूर्यमंदिर के लिए जाना जाता था, जिसकी स्थापना संवत-2007 में करवासीन गांव निवासी मौनी बाबा ने कराया था। तब उन्होंने 12 वर्षों तक यहां साधना की थी। 1995 के मध्य यह गांव तब चर्चित हो उठा, जब भाजपुर में सक्रिय भाकपा माले लिबरेशन से लड़ने के लिए इस गांव में रणवीर सेना नामक एक नीजी संगठन की नींव डाली गई।

      जिस समय इस गांव में रणवीर सेना की नींव डाली गई, उस वक्त गांव के सारे भूमिहारों में एकता थी। कुछ वर्ष बाद ही रणवीर सेना द्वारा घटित लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार, जिसके कारण रणवीर सेना की चर्चा विश्व स्तर पर हुई, उसके एक आरोपित बूटन चौधरी का विवाद अपने ही गांव निवासी दीपनारायण चौधरी से हो गया। तब बूटन का साथ इसी गांव का निवासी रंजीत चौधरी भी दे रहा था।

       

      बाद के वर्षों में रंजीत और बूटन एक दूसरे के खून के प्यासे बन गए। कलांतर में दोनों तरफ से कई लाशें बेलाऊर गांव में गिरीं। वर्ष 2013 में रंजीत ने एक गर्भवती महिला मुखिया की हत्या कर दी। एक बाहुबली पूर्व विधायक और उनके एक पूर्व पार्षद छोटे भाई का काफी करीबी बूटन चौधरी को भोजपुर पुलिस ने बीते वर्ष 5 मार्च को बेलाऊर गांव में ही दबिश देकर उसके चार अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया।

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      तब पुलिस ने बूटन की गाड़ी, जिस पर वह और उसके साथी सवार थे, उससे एक एके-47 रायफल, एक रेगुलर रायफल, 3 देशी कट्टा एके-47 की के 29 व रायफल व कट्टे की 31 गोलियां बरामद की थीं। फिलवक्त बूटन आरा जेल में है। बूटन के जेल जाने के बाद उसके कट्टर प्रतिद्वन्दी रंजीत चौधरी और हरेराम चौधरी ने अपने सहयोगियों के साथ बीते वर्ष जुलाई माह में बूटन समर्थक इसी गांव के उमेश चौधरी और उनके पुत्र की गांव में ही गोली मारकर हत्या कर दी।

      इस घटना के कुछ दिनों बाद हरेराम चौधरी तो गिरफ्तार कर लिया गया। पर रंजीत फरार हो गया। प्रतिकार स्वरुप बूटन गिरोह ने बीते पंचायत चुनाव के समय मुखिया प्रत्याशी के भैंसुर व रंजीत चाौधरी के बड़े भाई हेमंत चौधरी की हत्या गांव में ही कर दी।

      बीते वर्ष 21 अक्टूबर को भोजपुर पुलिस ने हेमंत चौधरी हत्या मामले में आरोपित बूटन चौधरी के भतीजे दीपू चौधरी और एक अन्य अपराधी सोनू चौधरी को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया। पर अब तक रंजीत चौधरी के फरार रहने से बेलाऊर में जारी खूनी संघर्ष के थमने के आसार नहीं दिख रहे थे।

      BELAUR GANWAR 4लेकिन पटना के एसएसपी मनु महाराज की टीम ने बीते 16 अगस्त को कुख्यात रंजीत चौधरी को औरंगाबाद से गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की। रंजीत के पास से पुलिस ने 6 लाख रुपये की कीमत वाली एक बरेटा पिस्टल भी बरामद किया है।

      इन सभी महत्वपूर्ण गिरफ्तारियों के बाद बेलाऊर गांव में तो कुछ दिनों के लिए शांति की उम्मीद की जा सकती है। पर भोजपुर के उदवंतनंगर थाना के कई कांडों में वांछित अगर रंजीत चैधरी को आरा जेल भेजा गया तो संभव है कि बेलाऊर की जंग जेल में भी छिड़ जाए, जहां रंजीत चौधरी के खुन का प्यासा बूटन चौधरी पूर्व से ही बंद है।

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