नालंदा ( राम विलास )। एक सामाजिक कार्य समझ कर खुले में शौच मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिये सभी अधिकारी काम करें। इसमें किसी भी स्तर से लापरवाही ना बरते क्योंकि इस तरह का सामाजिक कार्य करने का अवसर जीवन में बार-बार नहीं आता है। जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एस एम ने राजगीर के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को यह कहा।
राजगीर अनुमंडल के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रोग्राम ऑफिसर, स्वछता समन्वयक समेत अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ सात निश्चय की योजनाओं के समीक्षात्मक बैठक के दौरान कई निर्देश दिया । जिलाधिकारी ने कहा कि सिर्फ शौचालय बनवा देना निर्मल नालंदा अभियान का उद्देश्य नहीं है। शौचालय गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए तथा उसका उपयोग नियमित रूप से होना चाहिए । वर्षों से खुले में शौच करने की चली आ रही परंपरा को मिटाने के लिए उन्होंने व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दिया ।उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पाना तभी संभव है जब जन आंदोलन के रूप में आम नागरिकों की भी सक्रिय सहभागिता होगी।
उन्होंने कहा कि वाल पेंटिंग, जागरूकता रैली, गोष्ठी एवं नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जिला के कई विभागों के समन्वय से जन जागरूकता अभियान पर फोकस किया जा रहा है।
जिलाधिकारी डा त्याग राजन ने कहा कि जितने भी वार्ड खुले में शौचमुक्त घोषित हो चुके हैं उन लाभुकों के पेमेंट पर तवज्जो देने का निर्देश शुरू से ही दिया जा रहा है। बावजूद इसके लाभुकों को समय पर और आसानी से अनुदान राशि प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है ।
उन्होंने कहा कि जब लाभुकों को समय पर अनुदान राशि का भुगतान होगा तभी उनमें और अन्य लोगों में विश्वास पैदा होगा और वह अपना शौचालय बनवाएंगे एवं उसका उपयोग भी करेंगे। और जब ग्रामीण शौचालय का उपयोग करने लगेंगे तब यह योजना सफल होगी। उन्होंने कहा कि जिस किसी स्तर से अनुदान राशि के भुगतान में देरी अथवा गड़बड़ी की शिकायत आएगी आएगी। संबंधित दोषी पदाधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। अनुदान राशि के भुगतान में विलंब के कारण सिलाव प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा स्वच्छता समन्वयक से शो काउज किया गया। कार्य में उदासीनता के कारण गिरियक प्रखंड के मनरेगा प्रोग्राम पदाधिकारी का वेतन बंद करते हुए उनसे भी शोकॉज किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर स्थापित किए गए निर्मल नालंदा केंद्र एवं वार रूम से नियमित मॉनिटरिंग की जाए। सात निश्चय अंतर्गत हर घर नल का जल एवं पक्की नाली – गली से संबंधित योजनाओं की समीक्षा में पाया गया कि बालू की कम उपलब्धता के कारण पक्की नाली गली से संबंधित योजनाओं में अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है ।
उन्होंने सभी बीडियो से कहा कि जिला खनन पदाधिकारी रविंद्र राम से समन्वय स्थापित करते हुए बालू की उपलब्धता सुनिश्चित करे और गुणवत्ता के साथ योजनाओं को ससमय पूरा करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि बरसात एवं बाढ के कारण बालू की कमी है। उन्होंने तब तक नल- जल से संबंधित योजनाओं पर फोकस करने का आदेश देते हुए कहा इसके गुणवत्ता में कमी नही होनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि नल जल की योजनाओं के टिकाऊ होने पर ज्यादा ध्यान दें एवं अगर इस क्षेत्र विशेष की जरूरतों के अनुरूप एस्टीमेट में थोड़ी बहुत परिवर्तन करना हो तो जिला स्तरीय कमेटी से अनुमोदन प्राप्त करें। इन योजनाओं को इस प्रकार क्रियान्वित करावे कि अधिकाधिक लोग लंबे समय तक इस योजना का लाभ उठा सकें। जिन पंचायतों में सात निश्चय योजना की राशि अभी तक ट्रांसफर नहीं हुआ है वहां जल्द से जल्द ट्रांसफर करा लेने को का निर्देश डीएम ने दिया ।
बैठक में जिला पंचायती राज पदाधिकारी शैलेंद्र नाथ, प्रोबेशनर आईएएस मुकुल गुप्ता, एस डी ओ, डी सी एल आर , राजगीर प्रखण्ड के सभी बीडियो एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।