विभागीय लापरवाही व संवेदक की निष्क्रियता के कारण समय सीमा के अन्दर नहीं बनी सड़क। पक्की सड़क कच्ची में तब्दील। चलना हुआ मुश्किल। 95.54 करोड़ पथ निर्माण पर होनी है खर्च। आरसीएम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. है कार्य एजेंसी
नालंदा (कुमुद रंजन)। बेन-नालंदा की पक्की सड़क इन दिनों कच्ची सड़क में बदल गयी है। बेन के उसरीपर मोड़ से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तक इस सड़क की सूरत ही बदल गई है। दूसरी ओर पथ निर्माण विभाग एवं कार्य एजेंसी पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।
स्थानीय लोगों के अनुसार समय पर सड़कों का निर्माण संवेदकों द्वारा नहीं कराये जाने के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है।
लोगों से मिली जानकारी अनुसार इस पथ का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में शुरु हुआ और वर्ष 2016 के जनवरी में हीं समाप्त हो जाना था। किन्तु विभागीय लापरवाही एवं संवेदक की निष्क्रियता के कारण इस पथ से यात्रा करने वाले लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। पक्की सड़क कच्ची में तब्दील हो गयी है। जिसके कारण बारिश हो जानें पर इस पर पैदल के साथ-साथ दोपहिया एवं चारपहिया वाहन भी नहीं चल पाता है।
आए दिन हो रही बारिश के कारण यह सड़क कीचड़ युक्त हो गया है। खासकर दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
पनप रहा लोगों में आक्रोश
सड़क के जानलेवा बनने के कारण स्थानीय लोगों का आक्रोश विभाग के प्रति पनप रहा है। लेकिन कहाँ आवाज बुलंद करें यह समझ से परे है।
लोगों का कहना है यदि यही स्थिति रही तो बारिश की हालत में सड़क आवागमन के लायक नहीं रहेगी। जबकि यह सड़क वासवन विगहा, सौरे, महेशपुर, राधा विगहा, भातु विगहा, सिद्धिविगहा, वीरवल विगहा, इनायतपुर, उमरांव विगहा, वकतवन विगहा सहित प्रखंड के कई गांवों को जिला मुख्यालय से सीधे जोड़ती है। वहीं बेन प्रखंड के अलावे अन्य प्रखंडो के कई गांव इसी सड़क के माध्यम से राजगीर-गया मुख्य पथ से जुड़ती है।