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    Sunday, November 24, 2024
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      हिलसा रेलवे स्टेशन पर देखिये पेयजल-शौचालय का हाल

      दानापुर रेल मंडल यात्रियों का बेहतर सुविधा देने के भले ही जितने दावे करता हो लेकिन हकीकत ठीक इसके विपरीत है। इसका जीता-जागता उदाहरण है फतुहा-इस्लामपुर रेलखंड।”

      हिलसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। इस रेलखंड पर सबसे ज्यादा आमदनी देने वाला हिलसा स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। आलम यह है कि एक साल से बंद पड़े चापाकलों की न तो मरम्मती करवाई जा सकी और न ही चार साल में शौचालय का निर्माण कार्य ही पूरा हो पाया है। HILSA RAILWAY NEWS ODF 3

      आमान परिवर्तन के बाद फतुहा-इस्लामपुर रेलखंड पर रेलगाड़ी दौड़ी तो लोगों के मन में तरह-तरह के सपने उभरने लगे। ज्यों-ज्यों समय बीता त्यों-त्यों सपने साकार होने के बजाए टूटने लगा।

      इस रेलखंड का न तो विस्तार हुआ और न ही यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सका। साधारण और सामान्य टिकट के जरिए तकरीबन तीस से पैंतीस लाख रुपये हर माह की आमदनी देने वाले हिलसा स्टेशन पर यात्री सुविधा का घोर आभाव है।

      इस स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्रियों को न तो शुद्ध पेयजल नसीब हो रहा और न ही मल-मूत्र त्याग के लिए जगह ही मिल रहा। इसका मुख्य वजह स्टेशन पर गाड़े गए सभी चापाकल खराब होने के साथ-साथ जल के लिए लगाए गए नल से ठीक से पानी का बहाव नहीं होना।

      मरम्मती के आभाव में न तो चापाकल और न ही नल से जल ही गिर रहा है। आने वाले दिनों में तपिश भरी गर्मी दस्तक देने वाली है, ऐसी स्थिति में यात्रियों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा वर्तमान हालात से लगाया जा सकता है।HILSA RAILWAY NEWS ODF 2

      स्टेशन पर शौचक्रिया के लिए शौचालय को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफल नहीं हुआ। करीब तीन साल पहले जीर्ण-शीर्ण शौचालय को तोड़कर जीर्णोद्धार का काम शुरु हुआ जो अबतक पूरा नहीं हुआ।

      खासकर महिला यात्रियों को शौच के लिए इधर-उधर भटकना मजबूरी हो गई है। स्टेशन का प्लेटफार्म कई जगह टूट चुके हैं। आवाजाही के लिए बनी सीढ़ियां भी अंतिम सांस ले रहा है, लेकिन अबतक उसे दुरुस्त नहीं किया जा सका।

      ऐसी स्थिति में यात्रियों के गिरकर चोटिल होने की हमेंशा आशंका बनी रहती है। ओवरब्रिज नहीं होने एक प्लेटफार्म पर ट्रेन खड़ी रहने से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बिजली गुल हो जाने पर स्टेशन परिसर में पूरा अंधेरा छा जाता है। जबकि स्टेशन पर तीन जेनरेटर अलग-अलग विभाग के कार्य के लिए स्थापित व संचालित है।

      ऐसी स्थिति में ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पर इंतजार करने वाले यात्रियों को बहुत परेशानी होती है। ऐसी बात नहीं यात्रियों की इन परेशानियों से रेल प्रशासन अनभिज्ञ है। सब कुछ जानते हुए भी अनदेखी करना उपेक्षा नहीं तो और ?

      कहते हैं अधिकारी…..

      यात्री सुविधा को बेहतर करने की दिशा में समय-समय पर उच्चाधिकारी को पत्र लिखा जाता है। कुछ काम भी हुआ लेकिन ठीकेदार की लापरवाही के कारण शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। शुद्ध पेयजल के लिए खराब पड़े चापाकल और नल को ठीक कराने के लिए संबंधित अधिकारी से अनुरोध किया गया। उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का निदान हो जाएगा। ……अनिल कुमार शर्मा, स्टेशन प्रबंधक, हिलसा स्टेशन.

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