“राज्य के मुख्यमंत्री राजगीर के विकास के लिए हमेशा कोई न कोई नई योजना राज्य सरकार के अंतर्गत से पहुंचाने का कार्य करते हैं, मगर विकास धरातल पर सुदृढ़तापूर्ण और गुणवत्तापूर्ण न पहुंचकर पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के जेब तक ही सीमित रह जाती है।“
बिहारशरीफ (राजीव रंजन)। जी हां सुनने में थोड़ा अजब सा लग रहा होगा? क्योंकि हमारे राज्य के विकास पुरुष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर्यटन नगरी राजगीर के विकास को लेकर काफी गंभीर दिखते हैं।
लेकिन राजगीर शहर जहां आबादी बस्ती है, वहां विकास के नाम पर पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक लूट मचाए हुए हैं। कुछ अजीबोगरीब ऐसा ही तस्वीर विकास पुरुष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जुबानों पर बसने वाला बुद्ध और महावीर की पवित्र धरती राजगीर की है।
बताते चलें कि राजगीर में वार्ड नंबर 13 में संजय गुप्ता के घर के समीप सड़क पर नाले का पानी बहना शुरु हो गया। जो मुख्यमंत्री के गृह जिले में राजगीर के विकास की गंगा का जीता जागता उदाहरण है।
जी हां यह वही पर्यटन नगरी राजगीर है जो प्राचीन राजगृह के नाम से जाना जाता था। जहां भगवान बुद्ध, महावीर जैसे लोगों का चरण इस राजगीर तक पहुंचा था। जहां अपने राज्य नहीं, अपने देश नहीं, बल्कि पूरे विश्व, के लगभग देशों से पर्यटक यहां के प्राकृतिक छटा का आनंद उठाने पहुंचते हैं।
यह वही राजगीर जहां पिछले 30 वर्षों से भाजपा के विधायक सत्यदेव नारायण आर्य एवं तत्काल 2 वर्षों से जदयू के रवि ज्योति जो पूर्व में बिहार पुलिस के खाकी के शहंशाह माने जाते थे। इनकी विकास की गंगा इतनी कि राजगीर में आबादी के क्षेत्रों में सड़कों पर नाले का पानी आ जाता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि विकास का ढिंढोरा मुख्यमंत्री खुद अपने जुबानों से हर एक मंच से देते हैं मगर विकास की कोई झलक नहीं दिखती ?
वही दूसरी तरफ राजगीर में लगभग हर महीने कोई न कोई खादीधारी लोग पहुंचते हैं , कोई नई योजनाओं का शिलान्यास कर विकास को दर्शाते हैं, मगर कुछ इन विकास के गंगा को भी दर्शाकर भी एक सेल्फी सोशल मीडिया पर डाल देनी चाहिए।