अन्य
    Tuesday, November 26, 2024
    अन्य

      हरनौत विधायक की रसूख में बौरा गई है कस्तूरबा की वार्डन-शिक्षिका, हो उच्चस्तरीय जांच  

      सैया भय कोतवाल तो डर काहे का’ यह बात नालंदा  जिले के चंडी प्रखंड मुख्यालय स्थित कस्तूरबा आवासीय बालिका विधालय के वार्डन पर इन दिनों सटीक बैठ रही है।

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। हरनौत के विधायक हरिनारायण सिंह के पैतृक गाँव की वार्डन का रौब इतना है कि वह जब चाहे तब किसी को नौकरी से निकलवा देने की कूबत रखती हैं। उनकी राजनीतिक पहुँच भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

      CHANDI kgbv 1वार्डन को गुमान है कि सरकार उनकी है। उनका कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है। पिछले कई सालों से वह स्कूल के वार्डन के रूप में कुंडली मारकर बैठी हुई है यानि एक तरह से उनका एकछत्र साम्राज्य बना हुआ है। उनका साथ दे रही एक शिक्षिका का भी रौब कम नहीं है।

      शिकायत दर शिकायत के बाद भी प्रखंड के तो दूर जिला के शिक्षा अधिकारी भी वार्डन का बाल बांका नहीं कर पाएं। बल्कि राजनीतिक दबाव की वजह से बैकफूट धरना पड़ा।

      चंडी कस्तूरबा आवासीय बालिका विधालय में कार्यरत एक कर्मी ने जब उनके भ्रष्टाचार की पोल खोलना चाहा तो उसे भी नौकरी से हटा देने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं वार्डन के नजदीकी रिश्तेदार भी उक्त कर्मी को देख लेने और नौकरी से हटा देने की धमकी देते हैं।

      इस स्कूल के एक कर्मी मंजीत कुमार ने नालंदा डीएम और डीईओ को आवेदन देकर चंडी वार्डन के खिलाफ उच्चस्तरीय कार्रवाई की मांग की है।

      आवेदनकर्ता मंजीत कुमार ने बताया’ ‘18 मई को उन्होंने कस्तूरबा स्कूल में मेन्यू का पालन नहीं करने तथा आलू की बनी पनीला सब्जी का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी। जिस पर चंडी प्रखंड  विकास पदाधिकारी विशाल आनंद ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बीईओ को इस मामले की जांच का आदेश दिया था। साथ ही यह खबर मीडिया में छा गई थी। जिसको लेकर वार्डन तथा शिक्षिका ने मेरे साथ गाली गलौच की तथा कहा कि सरकार उनकी है।वह जब चाहे नौकरी से निकाल दे सकती है।‘

      chandi kasturba school 2मंजीत ने आगे बताया, ‘बीडीओ के निर्देश पर जांच को पहुची  बीईओ के  जांच रिपोर्ट का कोई असर नहीं हुआ। इसी बीच वार्डन, शिक्षिका के द्वारा रसोईया को खड़ा कर आरोप लगा दी कि मैंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया है। जबकि स्कूल में मेनू का पालन नहीं किया जाता है। छात्राओं को खाना में कुछ और परोसा जाता है जबकि रिजस्टर पर कुछ और लिखा जाता है’।

      कस्तूरबा आवासीय बालिका स्कूल के कर्मी ने आशंका जताई है कि जो राजनीतिक रसूख की बात करती हैं, वह मुझे कभी भी किसी केस में फंसा सकती है। यहाँ तक कि बाहर उनके कथित रिश्तेदार भी धमकी देते हैं।

      वार्डन की पहुँच इतनी है कि उन्होंने एक रसोईया को बिना कारण बताए कार्य से हटाकर अपने मनपसंद को रसोईया की नौकरी पर रख लिया।

      पूर्व की रसोईया भी कार्यालय का चक्कर लगाकर थक गई लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। यहां तक कि एपीओ अल्पना कुमारी द्वारा वार्डन की शिकायत रिपोर्ट भी फाइलों में कहीं गुम हो गई।

      कस्तूरबा स्कूल के कर्मी ने डीएम से गुहार लगाते हुए वार्डन के खिलाफ एक निष्पक्ष जांच की मांग की है। लेकिन अभी तक आवेदन कर्ता की शिकायत पर कोई कार्रवाई होता नहीं दिख रहा है।

      सवाल उठता है कि आखिर भ्रष्टाचार के साथ समझौता नही करने का राग अलापने वाले सीएम के राज में आखिर भ्रष्टाचार की तूती क्यों बोल रही है। किसी के खिलाफ शिकायत पर एक कदम भी कार्रवाई क्यों नहीं होती। आखिर कब तक ऐसे लोग अंगदी पांव जमाए रहेंगे? आखिर कौन ऐसे लोगों के गले में घंटी बांधने का साहस करेगा।chandi kasturba school 1 chandi kasturba school 12

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!