बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जब स्कूलों में बच्चे करेंगे मजदूरी का काम तो कैसी होगी शिक्षा की तस्वीर, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
आर्थिक हल, युवाओं को बल एवं आगे पढ़ने, आगे बढ़ने का अवसर तब न मिलेगा जब बाल-संरक्षण का सार्वभौमिक अवसर प्रदान किया जायेगा। ताकि तकनीकी शिक्षा तो दूर रही, पहले सामान्य शिक्षा की उपलब्धता पर कोई अंगुली न उठाये।
चलिए हम आपको वहां लिए चलते हैं नालंदा जिले सरमेरा प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गोपालाबाद, जहां वार्डन पति का तुगलकी राज चलता है और राजकीय मध्य विद्यालय गोपालबाद के छठी क्लास का छात्र निशांत से पठन-पाठन के समय उपले ढोते को विवश है।
सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई कि निशांत वार्डन के पति के कहने पर अपने पठन पाठन का कार्य छोड़कर मध्यान भोजन बनने वाले उपले को स्कूल में पहुंचा रहा है।