“पटना विश्वविद्यालय के जिस ऐतिहासिक शताब्दी समारोह में बिहार की जनता मंसूबे पाल रखी थी कि पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा पीएम के द्वारा की जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ । बिहार की जनता को एक बार फिर पीएम ढेंगा दिखा चले गए। साथ ही पटना विश्वविद्यालय को नम्बर वन बनाने का आईना भी पीएम दिखा गए।”
पटना (जयप्रकाश)। पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में पटना के साइंस काॅलेज में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नही है। हर क्षेत्र में प्रतिभा कूट कूटकर भरी पड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के इस पावन धरती पर वे आकर धन्य हो गये हैं। इस पावन धरती को नमन करते हैं । बिहार के सीएम ने भी पीएम मोदी से पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की अपील की लेकिन पीएम ऐसे किसी भी मांग पर गंभीर नहीं दिखे।
पीएम मोदी उल्टे देश के दस सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों के विकास के लिए दस हजार करोड़ रूपये की सहायता राशि की घोषणा की, ताकि उन्हें स्वायत वर्ल्ड क्लास बनाया जाए।
पीएम ने कहा कि भारत का शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां के टॉप फाइव आईएएस में बिहार या फिर पटना यूनिवर्सिटी के प्रोडक्ट न हो। उन्होंने कहा कि वे रोजाना 100-150 अधिकारियों से मिलता हूं, जिसमें सबसे बड़ा दल बिहार का होता है।
पीएम ने कहा कि अब जमाना सरस्वती के साथ साथ लक्ष्मी का है जब तक दोनों को लेकर नहीं चलेंगे हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं
पीएम ने कहा कि बिहार में जितनी पुरानी गंगा की धारा है उतनी ही पुरानी ज्ञान की विरासत रही है। नालंदा और विक्रमशीला विश्वविद्यालय ज्ञान का विश्व प्रसिद्ध केंद्र रहा है। बाद में पटना विश्वविद्यालय भी इस ज्ञान के केन्द्र में शामिल हो गया ।
पीएम ने इनोवेशन पर जोर देते हुए कहा कि लोगों का दिमाग खुलेगा तभी नये विचारों के प्रवेश की संभावना बनेगी। आज के विश्विद्यालय को लर्निंग पर फोकस करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि मानव संस्कृति के विकास यात्रा को देखा जाये तो इसमें नवाचार का खासा योदगान है।
आज नवाचार का इतना महत्व है कि जो देश इसे प्राथमिकता देते हैं वही आगे बढ़ते हैं। आने वाले युग में आवश्यक्ताओं की पूर्ति के लिये क्वालिटी एजुकेशन की जरूरत है। देश को आगे बढ़ाना है तो युवा पीढी को इनोवेशन पर जोर देने की जरूरत है।
पीएम ने कहा कि जादू टोने से निकलकर हम आईटी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं । देश के विकास में आईटी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
पटना विश्वविधालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी का गठन 100 साल पहले 1917 में हुआ था और आज वे प्रधानमंत्री से इस यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की अपील करता हूँ100 साल पहले अंग्रेजों के जमाने में इस यूनिवर्सिटी का गठन हुआ था।
नीतीश कुमार ने कहा कि वे यही का छात्र रहै हैं। मैट्रिक पास करने के बाद साइंस कॉलेज में प्री साइंस की पढ़ाई करने के लिए आया था।
आज यहां आकर एक बार फिर मेरी यादें ताजा हो गई। इस यूनिवर्सिटी का गौरवशाली इतिहास रहा है। जेपी आंदोलन में इस यूनिवर्सिटी का बड़ा योगदान रहा है।
सीएम ने कहा कि पीयू देश का सातवां पुराना विश्वविद्यालय है। बंगाल के अलग होने के बाद 1917 में इस यूनिवर्सिटी का गठन किया गया था।गांधी जी भी इस साल बिहार के चंपारण आए थे।1917 का वर्ष बिहार के लिए काफी गौरवशाली मानी जाती है।
इस मौके पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि देश के इतिहास में पटना यूनिवर्सिटी का अहम योगदान रहा है। अगर ये यूनिवर्सिटी नहीं होती तो जेपी, लोकनायक नहीं बनते। अगर पीयू नहीं होता तो 1977 में देश में परिवर्तन नहीं होता। कहने को तो यह पटना विश्वविद्यालय का शताब्दी समारोह था, लेकिन शताब्दी समारोह कम और राजनीतिक हलचल ज्यादा दिखी ।