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    Monday, November 25, 2024
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      सिल्ली-गोमिया उप चुनाव 28 मई को और 31 मई को होगी वोटों की गिनती

      जारी तिथि के अनुसार 3 मई से 10 मई तक नामांकन पत्र भरे जा सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच 11 मई को होगी। 14 मई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। 28 मई को वोटिंग और 31 मई को वोटों की गिनती होगी।“

      रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के दो सीट गोमिया एवं सिल्ली विधानसभा उपचुनाव की तिथि का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को आयोग ने इसे जारी किया।

      by election SILLIसिल्ली सीट विधायक अमित महतो एवं गोमिया सीट योंगेंद्र महतो पर न्यायालय द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद खाली हो गई थी।

      चुनाव की तिथि का एलान होते ही राज्य में चुनावी सगरर्मी बढ़ गई है। इस सीट पर एनडीए के दोनों घटक दल भाजपा एवं आजसू में शह-मात का खेल शुरू हो गया है। इस दोनों सीट पर आजसू की ओर से सुदेश महतो एवं डॉ. लंबोदर महतो दावेदारी कर रहे हैं।

      मगर भाजपा गोमिया पर अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है। आने वाला सप्ताह झारखंड की राजनीति के लिए काफी अहम होगा। वहीं, विपक्ष इस सीट पर एकता बनाकर लड़ने का दावा कर रहा है।

      झामुमो ने दो महीने के अंदर कानूनी फैसला के आलोक में अपने दूसरे विधायक की सदस्यता खोई। 10 फरवरी को गोमिया के विधायक योगेंद्र महतो की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष ने समाप्त की थी। उनके खिलाफ रामगढ़ की एक अदालत ने कोयला चोरी के दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी।

      झारखंड विधानसभाध्यक्ष प्रो दिनेश उरांव ने 2 अप्रैल को सिल्ली के झामुमो विधायक अमित कुमार महतो की सदस्यता रद्द करने पर मुहर लगा दी। इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया कि अपर न्यायायुक्त, व्यवहार न्यायालय रांची द्वारा अमित कुमार महतो पर दोष सिद्ध करार दिया है। 

      अदालत ने सोनाहातु के पूर्व सीओ आलोक कुमार के साथ मारपीट और गाली-गलौज के आरोप में 23 मार्च को दो-दो साल की सजा सुनाई थी।

      विधानसभा में झामुमो विधायकों की संख्या पहले 19 थी। दो माह पहले जब योगेंद्र महतो की विधायकी गई तो यह संख्या घटकर 18 हो गई थी। अमित महतो की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद यह संख्या 17 पर पहुंच गई।

      भाजपा के समक्ष पहले अपनों से निपटने की चुनौती होगी। इसके बाद विरोधी दलों से। पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर आजसू का कब्जा नहीं था, लेकिन उनके नेताओं का तर्क है कि दोनों महतो बेल्ट हैं, जिस पर आजसू की पकड़ सबसे मजबूत है।

      दोनों सीटों पर झामुमो की भी मजबूत पकड़ है। अपने कब्जे वाली इन सीटों को छोड़ने के लिए वह तैयार नहीं होगा। झामुमो को यूपीए गठबंधन के अन्य दलों का सहयोग मिला तो चुनाव में उसकी स्थिति काफी मजबूत होगी।

      दूसरी ओर सीट बंटवारे को लेकर ही राजग में टकराव हुआ, तो सत्ताधारी दलों की परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि यूपीए में भी टिकट को लेकर सभी पार्टियां दावेदारी पेश करेंगी।

      जेएमएम सिल्ली और गोमिया में क्रमश: अमित महतो और योगेंद्र महतो की पत्नी को उतारने की तैयारी कर चुका है।

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