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    Sunday, November 24, 2024
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      लोक शिकायत निवारणः जानिए सीएम नीतीश की चिंघाड़ का सच

      ईधर-उधर भटकने की जरुरत नहीं हैं। आप कोई भी समस्या लेकर अनुमंडल और जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में जाईए, आपका काम होगा…”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। इन दिनों बिहार के सीएम नीतीश कुमार प्रायः न्यूज चैनलों पर एक विज्ञापन के जरिए चिंघाड़ते नजर आते हैं।

      cm nitish nalanda lok shikayat cruption 1लेकिन उनकी चिंघाड़ कितनी सुरीली है, इसका आंकलन उनके गृह जिले नालंदा के लोक शिकायत निवारण कार्यालय पदाधिकारियों की लापरवाही और तानाशाही से साफ उजागर हो जाता है।

      नालंदा जिले को लेकर आम धारणा है कि यहां नीचे से उपर तक के सारे अफसर सीएम या उनके खास करीबी की ईच्छा से पदास्थापित किये जाते रहें हैं। विपक्ष भी यही आरोप लगाते रहा है।

      नालंदा जिले में कुल 5 लोक शिकायत निवारण कार्यालय हैं। 3 अनुमंडल स्तर के और 2 जिला स्तर पर। इनमें 1 जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय और  एक द्वीतीय अपीलीय प्रधिकार। ये पांचो लोक शिकायत कार्यालय फिलहाल महज सफेद हाथी साबित है।  NALANDA LOK SHIKAYAT NIVARAN 3

      बिहारशरीफ, राजगीर, हिलसा अनुमंडल हो या नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय पदाधिकारी, अगर वे किसी मामले में अंतिम आदेश भी पारित करते हैं तो उनमें प्रायः फैसले ऐसे होते हैं, जिसे देख समझ में नहीं आता कि वे किस कायदा-कानून के तहत बिल्कुल बेतुका निर्णय दे रहे हैं।

      अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय पदाधिकारियों ने तो सीएम के दावों को पूर्णतः खोखला साबित कर दिया है। या तो उन्हें लोक शिकायत निवारण अधिनियमों की जानकारी नहीं है या फिर लोक प्राधिकारों के साथ मिल कर सिर्फ ‘खेला’ कर रहे हैं। यहां ‘खेला’ का अर्थ कर्तव्य कम और अधिकार में काली कमाई के अधिक  रास्ता ढूंढ लेने से है।

      बहरहाल, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क की टीम ने नालंदा जिले में लोक शिकायत निवारण कार्यालयों, पदस्थ पदाधिकारियों और शिकायतकर्ताओं को लेकर एक गहन शोध किया है। उस शोध में कई चौंकाने वाले गंभीर तत्थ उभरकर सामने आए हैं। उसे किश्तों में उदाहरण के साथ आप सुधी पाठकों के बीच रखी जाएगी….  

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