“पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के असमायिक स्वर्गवास पर जहां संपूर्ण देश राष्ट्रीय शोक में डूबा हुआ है, सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में आखिर यह कितना बड़ा रसूखदार प्रायवेट स्कूल संचालक है, जो सरकारी अधिसूचना को ठेंगा दिखा रहा है…….”
राजगीर (राजीव/नीरज)। नालंदा के राजगीर नगर स्थित उपाध्याय टोला में कैंब्रियन पब्लिक स्कूल सह प्रभाकर क्लासेज स्कूल का संचालक प्रभाकर कुमार पहले भी जिलाधिकारी के आदेश को अंगूठा दिखा चुका है।
तब राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रघुनंदन चौधरी ने इस संस्थान के संचालक को अगली बार इस तरह की हरकत न करने की हिदायत देकर छोड़ दिया था।
राष्ट्रीय शोक एवं सार्वजनिक अवकाश दिवस के अवसर पर संचालक प्रभाकर कुमार अपनी उपस्थिति में स्कूल वर्ग कक्ष में बच्चों की पठन पाठन के कार्य को जारी रखे हुए हैं।
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में बंद करने का सार्वजनिक आदेश पारित किया गया है।
जब इसकी जानकारी राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार से लेनी चाही तो फोन उठाकर अपने कार्य में व्यस्त रहे और फोन को डिसकनेक्ट कर दिया। जब दोबारा उनसे संपर्क साधा गया तो फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
तत्पश्चात नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क करने पर बताया, ‘ऐसा अगर कोई शैक्षणिक संस्था कर रहा है तो वह गलत कर रहा है। क्योंकि सारा देश की शैक्षणिक संस्थाएं बंद है। इस पर आप लोग खबर चलाइए’।
सबाल उठता है कि आखिर ऐसे रसूखदार शिक्षक किस शिक्षा नीति और किस ज्ञान के बल एक बार फिर अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दे रहा है जिसे राष्ट्रीय शोक अवकाश भी समझ में नहीं आता है।
खैर जो भी हो अब देखना यह लाजमी होगा कि ऐसे लगातार हरकत करने वाले ऐसे कुकुरमुत्ता छाप प्रायवेट स्कूल व उसके संचालक पर अनुमंडल प्रशासन या जिला प्रशासन कोई कार्रवाई करना मुनासिब समझता है या फिर ठंड की तरह हिदायत देकर छोड़ देता है।