एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने राजगीर में रायपुर के पर्यटकों के साथ हुई गुंडागर्दी को काफी गंभीरता से लिया है।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के प्रधान संपादक मुकेश भारतीय के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार की धरती को बदनाम करने वाली इस घटना का अपने स्तर से जानकारी जुटाकर हरसंभव कार्रवाई करेगें।
कल देर रात उन्होंने घटना के प्रति अनभिज्ञता प्रकट करते हुये कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर राजगीर जैसी अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल क्षेत्र में ऐसी घटना हुई है तो यह काफी गंभीर मामला है। दोषी लोग किसी हाल में नहीं बख्शे जायेगें।
यह मामला 25 अक्टूबर 2017 की है। जब पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार विश्व शांति स्तूप के वार्षिकोत्सव में शामिल होकर लौट रहे थे। पर्यटकों की शिकायत पर मंत्री जी ने थाना प्रभारी को बुलाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन मंत्री जी के जाने के बाद थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
रायपुर (छत्तीसगढ़) से आये पर्यटकों के साथ तांगा वालों ने कतिपय गुंडों के साथ मिल कर जम कर मारपीट की। बदमाशों के इस हुजूम ने बच्चों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा। गर्भवती महिला को भी दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया।
वेशक अतिथि देवो भव: की अवधारणा के बीच इस मामले में पुलिस-प्रशासन की भूमिका भी शर्मसार करने वाली है। वह पर्यटकों की रक्षा के बजाय गुंडे-मवालियों के ही साथ देते नजर आये। इस घटना से आहत सारे पर्यटकों ने भूल से भी बिहार की धरती पर कदम न रखने की बात कही।
पर्यटक सोनी वर्मा के अनुसार “हमलोग सुबह दस बजे के पास राजगीर पहुंचे थे। हमने अपना वाहन को कुंड पर दुर्गा मंदिर के समीप लगाया था। वाहन का पार्किंग शुल्क भी जमा किया गया था।
इसी बीच एक तांगा वाला आकर अपशब्द का प्रयोग करते हुए गाड़ी को हटाने के लिए कहा। हमलोग गाड़ी को हटाने भी लगे लेकिन वे सब गाली गलौज करते हुए हमारे साथ मारपीट करने लगे।“
पीड़ित महिला के अनुसार देखते ही देखते और भी तांगे वाले रस्सी, डंडे एवं चाबुक लेकर पहुंच गये और पर्यटकों के साथ मारपीट करने लगे। इतना ही नहीं, हद तो तब हो गयी, जब तांगा वालों ने एक गर्भवती महिला पर्यटक के साथ भी मारपीट करने से बाज नहीं आये।
राजगीर में इस तरह की घटनाएं आम हो गयी हैं। तांगा चालकों एवं कतिपय रंगदारों की मनमानी और यात्रियों से मारपीट को लेकर प्रशासन भी शिथिल बना रहता है। कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। शायद इसलिये कि इस तरह की गुंडई में उनकी भी जेब गर्म होती है।