“आज हमारे समाज में धर्म के नाम पर फरेब और कर्म का धंधा आम बात हो गई है। कहां क्या हो रहा है और कब क्या माजरा सामने आ जाये, कहना बड़ा मुश्किल है।”।
राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। इन दिनों नालंदा जिले के धार्मिक-पर्यटन नगरी राजगीर में श्री रामकृष्ण सारदा आश्रम की खूब चर्चा हो रही है। इस आश्रम की ओर लोगों की नजर यू हीं चली जा रही है।
इसका कारण है राजगीर थाना के पीछे बंगाली पाड़ा विनोदन होटल के बगल में सड़क किनारे अवस्थित इस आश्रम के गेस्ट हाउस में थियेटरों में आये नर्तकी बालाओं का आना-जाना और ठहरना। इस दौरान एक वीआईपी वाहन थियेटर की नर्तकी बालाओं को लाते-ले जाते हमेशा देखा जाता रहा।
इन चर्चाओं के बीच हमारे संवाददाता ने खुद जायजा लिया और सारे नजारों को कैमरे में कैद किया। इस पड़ताल के बाद तस्वीर चौंकाने वाले आये हैं।
फिलहाल इस आश्रम-गेस्ट हाउस के संचालक ब्रह्मचारी सेवक चैतन्य उर्फ बाबा राजगीर महाराज जी बताये जाते हैं। बकौल महाराजजी, उनकी पोस्टिंग 3 साल पहले संस्था के मुख्यालय से हुई है, जो पश्चिम बंगाल प्रांत से संचालित है।
जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज की ओर से थियेटर के बार-बालाओं को आश्रम में शरण दिये जाने की बाबत बाबा राजगीर महाराज जी ने बताया कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था से जुड़ी आश्रम चलाते हैं। वे हर किसी को शरण देते हैं। वे आतंकवादी हो या कोई और। यह सब पुलिस-प्रशासन को देखना है। उनकी नजर में सब एक समान हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे आश्रम के गेस्ट हाउस में ठहरने वालों के आकड़े सुरक्षित रखते हैं और उसकी कानूनी प्रावधान के अनुसार निकटम थाना को उसकी जानकारी सुसमय देते हैं।
इसके जबाव में उन्होंने बताया कि मलमास मेला के दौरान जो लोग भी उसके आश्रम के गेस्ट हाउस में ठहरे हैं, उसकी जानकारी पुलिस-प्रशासन को रही है। कई बार थाना प्रभारी, डीएसपी, एसडीओ स्तर के अधिकारी उनके आश्रम के गेस्ट हाउस का निरीक्षण कर चुके हैं।
बाबा राजगीर महाराज जी ने यह भी उनके आश्रम में बच्चों का एक सरकारी स्कूल का संचालन होता है, जिसमें स्थानीय स्तर के दर्जन भर असहाय बच्चे पढ़ते हैं। बिहार शिक्षा बोर्ड के सिलेबस के अनुरुप उनके पठन-पाठन के लिये 3 शिक्षक भी कार्यरत हैं।
बहरहाल, श्री राम कृष्णा शारदा आश्रम के गेस्ट हाउस में मलमास मेले के दौरान नर्तकी बालाओं के लगे जमघट ने लोगों के बीच कई सबाल खड़े कर दिये हैं। धर्म-समाज सेवा के नाम पर इस तरह के व्यवसाय लोग पचा नहीं पा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन पर भी उंगलियां उठ रही है।