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    Saturday, November 16, 2024
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      अवैध राजगीर गेस्ट हाउस होटल की भूमि की जमाबंदी रद्द

      “राजगीर अंचल कार्यालय के अतिक्रमणवाद संख्या 1/17-18 में सुनवाई उपरांत उक्त जमाबंदी को रद्द करने का आदेश पारित है। उक्त खेसरा का संपूर्ण रकवा मलमास मेला सैरात पंजी में दर्ज है। जिसकी जमाबंदी रद्द करने की अनुसंशा की गई थी।”

      22एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिला अपर समाहर्ता मो. खब्बीर की न्यायालय ने मलमास मेला सैरात भूमि पर अवैध ढंग से बने बहुचर्चित राजगीर गेस्ट हाउस होटल की भूमि की जमाबंदी रद्द कर दी है।

      राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि से जुड़े राजगीर अंचलाधिकारी वनाम राजगीर गेस्ट हाउस होटल के मालिक जमाबंदी रद्दीकरण वाद संख्या 70/2017 की सुनवाई के बाद ली गई है।

      अपने आदेश में नालंदा जिला उप समाहर्ता न्यायालय ने कहा है कि राजगीर अंचलाधिकारी के पत्रांक 1157 दिनांक 07.07.2017 द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि राजगीर मौजा के खाता नंबर 33 में कुल रकबा 25.40 एकड़ सर्वे खतियान में गैरमजरुआ ठीकेदार किस्म जमीन परती कदीम दर्ज है। उक्त जमीन पर राजगीर गेस्ट हाउस होटल के मालिक के नाम पर जमाबंदी संख्या 447 कायम है।

      विपक्षी राजगीर गेस्ट हाउस होटल के मालिक को राजगीर अंचलाधिकारी की ओर से नोटिश जारी कर उसका तामिला कराया गया। नेटिश प्राप्ति के उपरांत विपक्षी अपने वकील के माध्ययम से उपस्थित हुआ और जो विरोध पत्र दाखिल किया गया, वह किसी भी दृष्टिकोण से मान्य नहीं है, उसे नये सिरे से खरिज किया जाता है।2

      राजगीर अंचलाधिकारी ने पुनः अपने कार्यालय पत्रांक 1637 दिनांक 15.09.2017 द्वारा अपना पक्ष रखते हुये जमाबंदी संख्या 447 को निरस्त करने का अनुरोध किया गया कि यह प्रमाणित तत्थ है कि प्रश्नगत भूमि मलमास मेला सैरात भूमि की है।

      राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार के ज्ञापांक 925 दिनांक 11.11.14 मे स्पष्ट रुप से उल्लेखित है कि हाट, बाजार और मेला की भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारी 7ए एवं 7बी के तहत राज्य में निहित हो गये हैं। और इसका किसी भी प्रकार से निजी व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी कायम रखना सर्वथा अवैध है।

      अतः राजगीर अंचलाधिकारी के प्रस्ताव/अनुशंसा से सहमत होते हुये राजगीर गेस्ट हाउस होटल के मालिक के नाम राजगीर मौजा के खाता नंबर 33 में खेसरा संख्या 5092 की कुल रकबा 7 डिसमिल भूमि की कायम जमाबंदी रद्द की जाती है और आगे तद्नुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया जाता है।

       

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