राजगीर (धर्मा)। अंतराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर, जो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के गृह जिला का वह शहर है जो ज्यादा विकास के मामले में अधिक बदनाम है । इस शहर में 2 वक्त की पानी भी आम जनता को नसीब नहीं हो पा रहा है ।
शहर का एकमात्र नब्बे के दशक का जलमीनार सिर्फ शोभा की वस्तु बनी हुई है। इसकी एक लाख गैलन की क्षमता तब दस हज़ार आबादी के हिसाब से थी किन्तु, आज पचास हज़ार की आबादी के हिसाब से यह उच्च जलमीनार सिर्फ प्यासे लोगो को चिढ़ाने के काम आती है। शहर के अधिकांश लोग इस भीषण गर्मी में भी कुंड के गर्म पानी मे 2 किलोमीटर चलकर नहाने को मजबूर है ।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पानी प्रतिदिन सिर्फ आधे घण्टे के लिए चालू होता है और जिसका पानी भी शहर के अधिकांश बिचली कुआँ, पुवीॅ भारत, उपाध्याय टोला गाँधी टोल, दांगी टोला, पंडितपुर, गंजपर, बंगाली पाडा ,तुलसी गली, मुहल्लों में नही पहुंच पाता है ।
विकास के नाम पर बिहार सरकार हाई फाई योजना तो लाती है किंतु हकीकत यह है कि इस शहर के वासी आज भी पीने के पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं। इंसान तो क्या जानवरो के समक्ष भी पेयजल संकट है। शहर के कुंए अब सुख चुके है। चापाकल अब गाय भैस के बांधने के काम आ रहा है ।
ऐसे हालात में स्थानीय विधायक से लेकर सांसद एवं मुख्यमंत्री महोदय तक सुस्त नज़र आ रहे है। सरकार को सारे कार्य छोड़ युद्धस्तर पर 24 घण्टे जलापूर्ति की योजना पर अविलम्ब काम शुरू करना चाहिए। राजगीर के समस्त प्रबंध नागरिक एबम सभी जन प्रतिनिधी युवा वर्ग जन आन्दोलन करने के मुढ मे है।
इसे लेकर खुदरा व्यवसायिक संघष के सचिव धर्मराज प्रसाद, राजगीर सेवा समिति के उपाध्यक्ष उपेन्द्र कुमार, फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच गोपालभदानी, श्याम किशोर भारती, चंदन भारती आदि अन्य लोग भी इस बात को लेकर काफी चिंतित है कि राजगीर मे भगवान भरोसे चल रहा है