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    Saturday, November 23, 2024
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      मुहाने नदी की उड़ाही होने से किसानों के बीच खुशी की लहर

      नालंदा। मुहाने नदी अतिक्रमणकारियो के चंगुल मे फंसा था,जिसके कारण यह नदी मृतप्राय हो गया था, हालत यह हो गया था कि यह नदी सिमटकर नाला मे तव्दील होते जा रहा था, जिसके वजह से सैकडो एकड उपजाउ भुमि बंजर हो रहा था।

      राज्य सरकार द्धारा मुहाने नदी का उड़ाही करवाई से एक तरफ हजारों एकड बंजर पडे भूमि पर फसल होने की आशा जगते ही किसानो के बीच खुशी की लहर दौड गई है।5 2 3 1

      दूसरी ओर अतिक्रमणकारियो की चेहरों पर मायुसी छाई है। लोगो का कहना है कि यह मुहाने नदी की उड़ाही का कार्य लगभग 1 सौ 13 करोड की लागत पर चल रहा है, जिस कार्य को नम्वर माह वर्ष 18 से शुरु किया गया है, जिसका समापन 2021 तक कर दिया जाएगा

      यह मुहाने नदी का उडाही कार्य जहानाबाद जिला के सटे सीमा पर मोहीउद्घीनपुर गांव के पास से एंकगरसराय प्रखंड के पचमुहवा पुल तक किया जाएगा,जिसका लंवाइ 21 किलोमीटर होगी, जिस नदी का पेट की चौडाई लगभग 100 फीट होगा और  नदी के दोनो तरफ लगभग चालीस फीट चौडा अलंग होगा। जिसमें दुसरे तरफ पैतालीस फीट चोडा अलंग होगा।जिसमे एक सडक का निर्माण कार्य किया जाएगा।

      इसके अलावे चार चेक डैम,और 12 पुल का निर्माण किया जाएगा। जिसमें वडाय,विसुनपुर,वडायचकपर,तथा एक विशुनपुर के पास वनेगा।इसके अलावे 12 पुल का निर्माण किया जाएगा।

      इधर समाजसेवी श्रीनिवास शर्मा,नगरपंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि संजय साहु, उपप्रमुख शैलेंद्र कुमार सिंह, आनंद कुमार, रीतेश गांधी,वीरेन्द्र प्रसाद,आदि ने वताया कि राज्य सरकार के द्धारा मुहाने नदी का उडाही करवाकर किसानों की हित के सराहनीय कार्य करवाया गया है, जिसका जितना भी प्रशंसा की जाय कम होगा,क्योकि इस मुहाने नदी की पानी से किसानो की खेतो का पटवन होगा और बंजर पड़े भूमि आबाद हो जाएगा।

      इससे किसानों के बीच खुशहाली आएगी। यह नदी अब किसानों के लिए वरदान साबित होगा। इतना ही नहीं. यह नदी की उड़ाही से जलस्तर की गिरावट की जो समस्या हमेशा लोगो के बीच बना रहता था, वह समस्या कुछ दुर हो जाएगा।

      इस नदी की पानी से इस्लामपुर प्रखंड के अलावे एंकगरसराय प्रखंड के कुछ पंचायत के किसान लाभान्वित होंगे।

      दुसरी ओर मुहाने नदी की उड़ाही के दौरान कई पेड़ को गिरा दिया गया है। जिस पेड की लकडी को जलवान के लिए लाकर उपयोग करने वाले गरीव गुरुबों की भीड़ लगी है।

      इस नदी किनारे अवैध रुप से अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमणकारियों के बीच हडकम्प मचा है, क्योंकि नदी के उड़ाही से तटबंध पर बसे लोगो की बेचैनी वढ़ी है, वहीं तटबंध किनारे खेतों मे आलु, सकरकंद आदि का फसल उपजाने वाले समय से पहले फसल को  उखाड रहे हैं, ताकि पेड़ पौधा की तरह उनकी फसल भी बर्वाद न हो जाय।

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