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आयोग की सदस्य उषा विद्यार्थी भी बनी थी ब्रजेश की मेहमान
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उषा विद्यार्थी की सफाई-जबरन खाने पर ले गया था ब्रजेश
पटना (विनायक विजेता)। मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह मामले में चिल्ल-पों मचाने वाली महिला आयोग का इस मामले में प्रमाणिक साक्ष्य के साथ दोहरा चरित्र सामने आ रहा है।
एक तरफ आयोग इस मामले में जहां संज्ञान ले चुकी है वहीं बिहार राज्य महिला आयोग की एक सदस्य डा.उषा विद्यार्थी ब्रजेश ठाकुर की मेहमान बन उसके घर में खाना खा चुकी हैं।
हालांकि जब उनसे इस विषय पर बात की तो उन्होंने सफाई दी कि ‘पिछले वर्ष वह स्व. कैलाशपति मिश्र पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर गई थी वहीं ब्रजेश ठाकुर और भाजपा के कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात हुई।
भाजपा के नेताओं ने ही हमारा परिचय ब्रजेश ठाकुर से कराते हुए यह आग्रह किया कि दोपहर का खाना ब्रजेश ठाकुर जी के यहां ही है।
स्थानीय नेताओं का आग्रह मैं टाल नहीं सकी और मैं वहां चली गई तब मैं यह नहीं जानती थी कि ब्रजेश ठाकुर का चरित्र, नीती और नीयत क्या है।
बताते चलें कि शुरु से ही हर तस्वीर के साथ यह लिखा जा रहा है कि तस्वीरों के माध्यम से हमारा मकसद किसी का दिल दुखाना नहीं बल्कि सच्चाई को सामने लाना है। और सच्चाई यह भी हो सकती है कि ब्रजेश ठाकुर एंड कंपनी हर बड़े और वीआईपी लोगों के साथ तस्वीर खिंचवाकर उसका उपयोग अपने राजीतिक, आर्थिक और समाजिक फायदे के लिए करता रहा है।
गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति जय हिन्द द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुजफ्फरपुर कांड पर दो पन्नों के भेजे गए एक भावात्मक पत्र को भी प्रकाशित किया था।
पर मंगलवार को मिले इस तस्वीर जिसमें ब्रजेश ठाकुर, उसकी बगल में उसकी पत्नी डा. उषा विद्यार्थी और भाजपा नेताओं की तस्वीर है, उसने यह सवाल लाजिमी कर दिया है कि क्या महिला आयोग दोहरे चरित्र पर काम कर रहा है।