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    Sunday, November 24, 2024
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      ‘मंत्री के गांव में गिरा जलमीनार तो ‘कमजौर की जोरु बनी सबकी भौजाई’

       ‘अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा’। यदि बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले का आंकलन करें तो यहां यही कहावत चरितार्थ हो रहा है। यहां शीर्ष प्रशासन स्तर पर विकास योजनाओं  में व्याप्त भ्रष्टाचार  को लेकर  जीरो टॉलरेंस  और पारदर्शिता की बात बिल्कुल बेईमानी लगती है। 

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। भाजपा-जदयू नीत नीतिश सरकार के कद्दावर नेता ललन सिंह के गांव गिलानीचक, नगरनौसा प्रखंड के गोरायपुर पंचायत के अंतर्गत आता है, वहां एक नवनिर्मित जलमीनार के धाराशाही होते ही विभागीय कनीय अभियंता समेत 8 लोगों पर संबंधित चंडी थाना में एफआईआर दर्ज कर दिया गया।cruption 1

      पंचायत सचिव द्वारा दर्ज एफआईआर में वार्ड सदस्या यशोदा देवी पति शिवजतन मांझी, सचिव सुधीर राम पिता कृष्णा राम, जेई एलईओ-2 प्रवीण कुमार, पंच कबूतरी देवी, जीविका के रेणू देवी पति अशोक राम, सदस्य हरेन्द्र रामपिता स्व. कामता राम, सदस्य पिंकू कुमार पिता उमाकांत प्रसाद, अनुसूचित जाति सदस्या गुड़िया देवी पति रंजीत रजक नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं।

      इसके पूर्व नगरनौसा प्रखंड के दमोदरपुर बल्धा गांव में भी ठीक गिलानीचक गांव की तरह ही सीएम 7 निश्चय योजना के तहत नवनिर्मित जलमीनार पूर्णतः धाराशाही हो गई थी, उस मामले में प्रशासनिक स्तर से भूल सुधार करने के आंतरिक निर्देश दिये गये थे। शायद वह मामला न तो वायरल हो पाया था और न ही मीडिया की सुर्खियां ही बन पाई थी

      गोरायपुर पंचायत में अभी तक आधा दर्जन जल मीनार बनाये गये हैं। उसमें एक मुशहरी गांव में जलमीनार अर्द्ध चालू है। दूसरा गिलानीचक में चालू करते ही धाराशाही हो गया। बल्धा गांव में भी यही हुआ। अन्य गांवों में भी एक ही मानक के अनुरुप जलमीनार का निर्माण हुआ है।

      ऐसे में बल्धा गांव में भूल सुधार के निर्देश और गिलानीचक में सीधे डीएम के आदेश से सदस्यों तक पर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई समझ से परे है।

      nalanda cruption 1 1बता दें कि एक गांव में जल वितरण प्रबंधन हेतु करीव 11 लाख रुपये और जल मीनार निर्माण हेतु 2 लाख रुपये की प्रक्कलन राशि निर्धारित है। गिलानीचक गांव में अब तक 11 लाख की राशि की निकासी हो चुकी है।

      सीएम सात निश्चय योजना की राशि मुखिया और पंचायत सचिव के खाते में भेजी जाती है। फिर वहां से वार्ड सदस्य और सचिव के खाते में स्थानांतरित होती है। 10 लाख से उपर की योजना की स्वीकृति बीडीओ स्तर से किये जाने का प्रावधान है। लेकिन राशि की स्वीकृति और स्थानातंरण के खेल में कहीं भी आवश्यक प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।

      इधर, जब बिहार के कबीना मंत्री ललन सिंह के गांव में जलमीनार ध्वस्त होने की सूचना आग की तरह वायरल हो गई तो चूकि मामला एक कद्दावर मंत्री के गांव से जुड़ा था, इसलिये मीडिया की सुर्खियों के बाद नालंदा डीएम ने नगरनौसा बीडीओ को फौरिक आदेश दिया कि 24 घंटे के भीतर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति एवं संबंधित कनीय अभियंता के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्रथमिकी दर्ज कर अनुपालन प्रतिवेदन दें।nalanda fir cruption

      इस आदेश को नगरनौसा बीडीओ ने गोरायपुर पंचायत सचिव को हस्तांतरित कर दिया। जिसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई।

      बहरहाल एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के पास जो साक्ष्य-दस्तावेज उपलब्ध हुये हैं, सीएम सात निश्चय योजना की आड़ में सरकारी खजाने की लूट का एक बड़ा खेल उजागर करती है। इस खेला में योजना से जुड़े हर स्तर के लोग सरेआम नंगा नजर आते हैं।

      आगे किश्तों में किये जाने वाले खुलासे में जान सकेगें कि सर्वव्यापी भ्रष्टाचार के खेल में कमजोर की जोरु सबकी भौजाई बन जाती है और लूट-खसोंट मचाने वाले असली प्रभावी लोग बच निकलते हैं या उन्हें जिम्मेवार प्रशासन द्वारा एक रणनीति के तहत बचाने के प्रयास होते हैं।

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