इन दिनों नालंदा जिले के चंडी थाना पुलिस की साख खतरे में हैं। वर्तमान थाना प्रभारी मुकेश कुमार पदास्थापन से लोगों को उम्मीदें बंधी थी। लेकिन अब सब कुछ सामने आ गया है।
यहां कई ऐसे मामले हैं, जो गंभीर अपराधों के प्रति इनकी लापरवाही या कहिये मिलीभगत साफ परिलक्षित होता है। इन ममलों की जानकारी हिलसा डीएसपी मुतफिक अहमद को भी है, लेकिन उनकी उदासीनता भी कई सवाल खड़े करते हैं।
बहुचर्चित छात्रा अश्लील वीडियो वायरल कांड के उस आरोपी को दबोचने में नकारा साबित हैं, जिसके घर में उसकी खिलखिलाते उपस्थिति में सामूहिक छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया गया और वीडियो बनाकर वायरल किया गया। इस मामले में आरोपी के ऊंची पहुंच-रसुख के सामने पुलिस की लोभ-लालच की प्रवृति साफ झलकती है।
बता दें कि उक्त घटना के बाद थानाध्यक्ष से लेकर डीएसपी तक यही कहा जाता रहा कि आरोपी को ट्रेस कर लिया गया है और जल्द ही वह पुलिस गिरफ्त में होगा। लेकिन महीनों बाद पुलिस इस मामले बिल्कुल पंगु बनी हुई है या दूसरों शब्दों में कहिये तो मामले की लीपापोती करने में जुटी है।
दूसरा सबसे गंभीर मामला रामघाट चौक बाजार में ‘चोरी-चोर मामला’ है। इस मामले में थाना प्रभारी किसी द्वारा शिकायत नहीं किये जाने को लेकर पहले कुछ भी करने को लाचार बताते रहे। कुछ ऐसी ही बातें हिलसा डीएसपी ने की।
लेकिन जब उस ‘चोरी-चोर मामला’ के सभी तत्थ उभरकर सामने आ गये। दो पक्षों में मारपीट भी हो गई। थाना में शिकायत भी दर्ज की गई। एक शिकायत में चोरी के पूरे प्रक्ररण की बात लिखित रुप से सामने आ गई। फिर भी कोई जांच कार्रवाई नहीं की गई।
उपरोक्त दोनों मामले की गहन पड़ताल साफ संकेत देते हैं कि चंडी थाना पुलिस समाज की सुरक्षा कम और असमाजिक तत्वों को बढ़ावा अधिक दे रही है। हालांकि अलावे भी यहां कई ऐसे मामले हैं, जो अनुसंधानकर्ताओं के सिर्फ काली कमाई का जरिया होने का यूं पोल खोल जाती है। (जारी…..)